सोमवार, 22 जनवरी 2018

मूसल पर्व मूर्खों की रचना -

व्यजानयन्त खरा गोषु करभा८श्वतरीषु च ।
शुनीष्वापि बिडालश्च मूषिका नकुलीषु च।९।
अर्थात् गायों के पेट से गदहे तथा खच्चरियों से हाथी । कुतिया से बिलोटा ।और नेवलियों के गर्भ से चूहा उत्पन्न होने लगे ।
महाभारत मूसल पर्व द्वित्तीय अध्याय
महाभारत मूसल पर्व में कृष्ण की सोलह हजार पत्नियों का वर्णन -षोडश स्त्रीसहस्राणि वसुदेव परिग्रह ।६।

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