संज्ञा पुं० १. वह जो चक्र धारण करे । २. विष्णु भगवान । ३. श्रीकृष्ण । ४. बाजीगर । ऐंद्रजालिक । ५. कई ग्रामों या नगरों का अधिपति । ६. सर्प । साँप । ७. गाँव का पुरोहित । ८. नट राग से मिलता जुलता षाडव जाति का एक राग जो षडज स्वर से आरंभ होता है और जिसमें पंचम स्वर नहीं लगता । यह संध्या समय गाया जाता है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें