यमुनाया ह्रदे ह्यस्मिन् स्तोष्यामि भुजगेश्वरं । दिव्यैर्भागवतैर्मन्त्रै: सर्व लोक प्रभु यत:।।४२।
तब तक 'मैं यमुना जी के इस कुण्ड के जल में प्रवेश करके दिव्य भागवत मन्त्रों द्वारा सम्पूर्ण जगत के स्वामी नागराज अनन्त की स्तुति कर लूँ ।४२।
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