रविवार, 17 जून 2018

💠.अंग्रेजों को बुरा क्यों कहते हो*❓💠

💠.अंग्रेजों को बुरा क्यों कहते हो*❓💠

.* नासमझ लोग अंग्रेजों को
* बहुत गलत बताते हैं।
* और अंग्रेजों को बहुत बुरा भला कहते हैं।
* लेकिन *obc* समाज में जन्मे *महान
* क्रन्तिकारी समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा
* फूले* जी ने कहा था।
* कि *अंग्रेज शूद्र/अतिशूद्र के
* लिए भगवान बनकर आये है।*
* अर्थात sc/st/obc/minority के
* असली दुश्मन* अंग्रेज नहीं *ब्राह्मण हैं*
* जिन्होंने इनको शिक्षा, सत्ता, सम्पत्ति, सम्मान
* से दूर रखकर *हजारो साल से
* शोषण किया है |
* अतः शुद्रो को ब्राह्मणों की धार्मिक गुलामी से
* मुक्ति चाहिए तो *ब्राह्मणों द्वारा थोपे गए
* मान्यता परम्परा और संस्कारो
* को नकारना होगा ।*

🌹 मैं कुछ जानकारी देना चाहता हूंँ।
* जरूर पढें कि *अंग्रेजों ने कितने पाखंडों पर
* रोक लगाने में कामयाबी पायी...*🌹

💠 इसे पढें -💠

♦१) *रथयात्रा* :- जगन्नाथ में हर तीसरेवर्ष
  यह यात्रा निकाली जाती है जिसमें स्वर्ग पाने के
  चक्कर में रथ के पहिये के नीचे आकर सैकडों
  लोगों की जान चली जाती थी, कानून बनाकर
  बंद की ।

♦२) *काशीकरबट* :- काशी धाम में ईश्वर
  प्राप्ति हेतु विश्वेश्वर के मंदिर के पास कुए में कूद
  कर जान देते थे बंद कराई गयी ।

♦३) *चरक पूजा* :- काली के मोक्षाभिलाषी
  उपासक की रीड की हड्डी में लोहे की हुक
  फसा कर चर्खी में घुमाया जाता है जबतक कि
  उसके प्राण न निकल जायें इसे 1863 में
  कानून बनाकर बंद कराया ।

♦४) *गंगा प्रवाह* :- अधिक अवस्था बीत
  जाने पर भी संतान न होने पर गंगा को पहली
  संतान भेट करने की मनोती पूरी होने पर निष्ठुर
  होकर जीवित बच्चे को गंगा में बहा देना
  कितना कठोर काम है 1835 में कानून बनाकर
  बंद किया ।

♦५) *नरमेध यज्ञ*:- रिग्वेद के आधार पर
  अनाथ या निर्धन बच्चे की यज्ञ में बली चढाने
  की प्रथा को 1845 मे एक्ट 21 बनाकर बंद
  किया गया ।

♦६) *महाप्रस्थान* :- पानी में डूब कर या
  आग मे जलकर ईश्वर प्राप्ती की इच्छा से जान
  देने की प्रथा भी कानून बनाकर बंद की।

♦७) *तुषानल* :- किसी पाप के प्रायश्चित के
  कारण भूसा या घास की आग में जलकर मरने
  की प्रथा कानुन बनाकर बंद की ।

♦८) *हरिबोल* :- यह प्रथा बंगाल में प्रचलित
  थी। मरणासन्न व्यक्ति को जब तक गोते
  खिलाये जाते थे तब तक वह मर न जाये और
  हरिबोल के नारे लगाते थे यदि वह नही मरा तो
  भी उसे वहीं तड़फने के लिए छोड़ देते थे उसे
  फिर घर नहीं लाते थे 1831 में कानून से बंद
  की ।

♦९) *नरबलि* :- अपने इष्ट की प्राप्ती पर
  अपने ईष्ट को प्रसन्न करने के लिए मानव की
  सीधी बली को भी अंग्रेजों ने बंद किया पर यह
  प्रथा यदाकदा आज भी चालू है ।

♦१०) *सतीदाह* :- पति के मरने पर पति की
  चिता के साथ जल करमरने की प्रथा को
  1841 में बंद किया ।

♦११) *कन्यावध* :- उडीसा व राजपूताना से
  कुलीन क्षत्रिय कन्या पैदा होते ही मार देते थे
  इस भय से कि इसके कारण उन्हे किसी का
  ससुर या साला बनना पडेगा 1870 में कानून
  बनाकर बंद की ।

♦१२ ) *भृगुत्पन्न* :- यह गिरनार या सतपुडा
  में प्रचलित थी।अपनी माताओं की मनौती की
  कि हे- महादेव। हमें संतान हुई तो पहली संतान
  आपको भेंट देंगे और इसके तहत नव- युवक
  अपने को पहाड़ से कूदकर जान देते थे कानून
  बनाकर बंद की ।. —

* ये है कथित हिन्दू धर्म की ब्राह्मणों द्वारा बनाई
* कुछ प्रथाए।

* 👆👆
* obc जागो❗ ब्राह्मणवाद को त्यागो*❗❗

💠 *"कहीं हम भूल न जाएँ"* 💠

👉🏾 हिन्दू धर्म में वर्ण, वर्ण में शूद्र, शूद्र में जाति,
* जाति में क्रमिक उंच नीच... और ब्राह्मण के
* आगे सारे नींच..
* अब गर्व से कैसे कहें कि हम हिन्दू हैं*❓
      
  ♦    शूद्र(obc), अवर्ण(sc/st)ज
       जाति तोड़ो...समाज जोड़ो♦

    💠   *"मन्दिर नहीं, स्कूल चाहिए"*❗
       *"धर्म नहीं, अधिकार चाहिए"*❗❗♦

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