गुरुवार, 12 अगस्त 2021

कामरिया अहीर-

अहीर श्री  बगडाजी कामलीया का इतिहास और वंशवाली

बगड़ाजी कामलिया ने बगदाणा मे 242 गांव के जागीर स्थापित की थी। बगड़ाजी बहुत बड़े शिव भक्त थे।शिव मंदिर भी बनाया था। इन्होंने अपने शासन के दौरान 12 शिव लिंगों की स्थापना की थी।

    
और गफ़रखान सूबा ने बगदणा पे हमला किया।बड़ी सैन्य के सामने बगड़ाजी कामलीया की सैना की हार हुयी। बगड़ाजी  कामलीया हार के बाद अपने हाथों से अपना मस्तक भोलेनाथ को चड़ा दिया था।

कामलिया अहीरो की कुल देव मामोगल ओर कमलाई  माताजी है।

👉वंशावली

कामलीया गोत्र आहीरो की वंशवाली

(1)श्री आदी नारायण
(2)ब्रामाजी
(3)अत्री
(4)सोम(चन्द्र)
(5)बुध
(6)पुरुरवा
(7)आयु 
(8)नहुष
(9)ययाती
(10)यदु 
(11)क्रोष्ठा
(12)वृजीतवान
(13)स्वाही
(14)रूसीकू
(15)चित्ररथ
(16)शाशीबिन्धू
(17) प्रथूुसवा
(18)धर्म
(19)उषना
(20)रूचक
(21)जयामेघ
(22)विदर्भ
(23)कुथ
(24)कृति
(25)धुष्टि
(26)निवृति
(27)द्रष्टी
(28)व्योमा
(29)जीमूत
(30)विकृति(हाथष्कृत)
(31)भीमरथ
(32)नवरथ
(33)दशरथ
(34)शकूनी
(35)करभि
(36)देवरता
(37)देवक्षम
(38)मधू
(39)कुरू
(40)अनु
(41)पुरहोत्र
(42)आयु
(43)सात्वन
(44)वृष्णि
(45)युधाजीत
(46)अनिमित्र
(47)वृष्णि
(48)चित्ररथ
(49)विदूरथ
(50)सुर
(51)भजमान
(52)शिनी
(53)स्वयंभोज
(54)हार्दिक(द्रेविक)
(55)देवमीढ
(56)सुरशेन
(57)वसुदेव
 *(58)श्री कृष्ण* 
(59)प्राधियुम
(60)अनिरुद्ध
(61)वर्जनाभ
(62)प्रतिवाह
(63)सर्वसह
(64)सुबाह
(65)शांतसेन
(66)सत्यसेन
(67)सुषेण
(68)गोविन्दर्भद्र
(69)सूर्यमल
(70)शालीवाहन
(71)सत्यविजय
(72)विश्ववराह
(73)खेगार
(74)हरीराज
(75)सोम
(76)भीम
(77)भोज
(78)राजमणिकय
(79)महिपाल
(80)महगल
(81)मूलराज
(82)शिलाजीत
(83)मुज
(84)देवीन्द्र
(85)चुडचंद्र
(86)दुर्गाख्यान
(87)विश्वराह
(88)मूलराज
(89)कन्हराज
(90)गोविंद
(91)आनंद
(92)चामुंड
(93)सर्वलह
(94)दुर्गाख्य
(95)शालिवाहन
(96)विक्रमभोज
(97)महीपाल
(98)खेगार
(99)देवरथ
(100)दयापाल
(101)जगदेव
(102)विक्रमार्क
(103)अनंतपाल
(104)भोजराज
(105)धर्मदेव
(106)अंबरिप
(107)अग्निवर्ण
(108)उग्रसेन
(109)बलकर्ण
(110)शहस्त्रपाल
(111)अनिरुढ
(112)जयसिंह
(113)शालजी
(114)ज्येष्ठा
(115)लक्ष्यराज
(116)प्रतापजी
(117)गर्वगोड
(118)भाणजी
(119)मूलराज
(120)देवराज
(121)कल्याणजी
(122)जगमालजी
(123)भीमजी
(124)संग्रामजी
(125)पुरथीराजजी
(126)अर्जुनजी
(127)चंद्रसिंहजी
(128)सरदारसिंहजी
(129)भगवतसिंहजी
(130)मानसिंहजी
(131)रायसिंहजी
(132)आस्करणजी
(133)श्यामसिंहजी
(134)गजसिंहजी
(135)शेरसिंहजी
(136)देवसेन
(137)सूरसेन
(138)विक्रमसेन
(139)देवीन्द्र(देवदत)
(140)गजपत
(141)शालीवाहन
(142)यदुभाण
(143)जशकर्ण
(144)सुमराजी 
(145)दूदाजी
(146)संघजी
(147)पीथूजी
(148)ग्रहराजी
(149)उदडजी
(150)भुदरजी
 (151)हमीरजी
(152) *कामलीयाजी* 
  

कामलियाजी यादव के वंशज कामलीया (कमरिया)आहीर कहलाये।
कमरिया अहीरों की निकासी राजस्थान भीलबाड़ा क्षेत्र से हुई मानी जाती है ।
कम्बलहर्षि भी इनके पूर्ववर्ती थे । जिससे भी कामलिया गोत्र का सम्बन्ध है ।जादौन लोगों में भी कामलिया गोत्र है ।

कामलीया अहीर से  भमर अहीर,चोपड़ा अहीर,जोटवा अहीर जैसे 16 गोत्र हुवे।

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