शनिवार, 30 अगस्त 2025

यादवों का कोई एक कुलगुरु कोई नही था

यादवों का कोई एक कुलगुरु कोई नही  था । 
 याद रखो- क्योंकि  कुल एक सौ एक तो कुल गुरु भी एक सौ एक होने चाहिए- परन्तु यादवों के सभी कुलों के कुल गुरु स्वयं स्वराट विष्णु होंगे- अत: यादवों के सभी कुल को संरक्षक स्वयं विष्णु भगवान हैं।

कुलानि शत् चैकञ्च यादवानां महात्मनाम्।
सर्व्वमककुलं यद्वद्वर्त्तते वैष्णवे कुले। ३४.२५५।
अनुवाद:-

यादवों के एक सौ एक कुल हैं वह सब विष्णु के कुल में समाहित हैं विष्णु सबमें विद्यमान हैं।२५५।

विष्णुस्तेषां प्रमाणे च प्रभुत्वे च व्यवस्थितः ।
निदेशस्थायिभिस्तस्य बद्ध्यन्ते सर्वमानुषाः ।३४.२५६।
अनुवाद:-
विष्णु उन सबके प्रमाण में और प्रभुत्व में व्यवस्थित हैं। विष्णु के निर्देशन में सभी यादव मनुष्य प्रतिबद्ध हैं।२५६।

ये जो गर्ग को बताते है यादवों के गुरु  वह भी पूर्णत: सत्य नहीं जबकि राज्याभिषेक सान्दीपन ने किया देखे

देखें निम्नलिखित श्लोक-

 विदिताखिलविज्ञानौ सर्व्वज्ञानमयावपि।
शिष्याचार्य्यक्रमं वीरौ ख्यापयन्तौ यदूत्तमौ। ५-२१-१८।

ततः सान्दीपनिं काश्यमवन्तीपुरवासिनम् ।
अस्त्रर्थं जग्मतुर्वीरौ बलदेव-जनार्द्दनौ ।५-२१-१९ ।

तस्य शिष्यत्त्वमभ्येत्य गुरुवृत्तपरौ हि तौ।
दर्शयाञ्चक्रतुर्वीरावाचारमखिले जने।५-२१-२० ।

उग्रसेन का पुन: राज्याभिषेक भी सान्दीपन ऋषि ने किया । अत: उग्रसेन के कुल पुरोहित सान्दीपन मुनि थे।

(विष्णु पुराण पञ्चमाँश अध्याय 21 वाँ)

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