★-"इतिहास के बिखरे हुए पन्ने"-★
बुधवार, 5 अप्रैल 2023
काली को भैंसे की बलि-
असृजी महिषादीनां कालिकां यस्तु तर्पयेत् ।।
तस्य स्युरचिरादेव करस्थाः सर्वसिद्धयः ।।८५-३१ ।।
यो लक्षं प्रजपेन्मन्त्रं शवमारुह्य मन्त्रवित् ।।
तस्य सिद्धो मनुः सद्यः सर्वेप्सितफलप्रदः ।। ८५-३२ ।।
नारद पराण पूर्वाद्ध-
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें