★अध्याय द्वितीय★
पारसी ग्रंथ (शातीर) मे व्यास जी का उल्लेख है-
अकनु बिरमने व्यासनाम अज हिंद आयद ।
दाना कि अल्क निर्वाचित नेरस्त ।।
अर्थात :- “व्यास नाम का एक ब्राह्मण हिन्दुस्तान से आया । वह बड़ा ही चतुर था और उसके सामान अन्य कोई बुद्धिमान नहीं हो सकता !
पारसियो में अग्नि को पूज्य देव माना जाता है ओर वैदिक ॠति के अनुसार दीपक जलाना, घर बनाना ये सब नौकरी वेदो से पारसियो ने रखी है।
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