साबुन शब्द की व्युत्पत्ति-
आधुनिक अंग्रेजी में साबुन(Soap) शब्द मध्य अंग्रेजी शब्द (sope) सोपे से लिया गया है।
और यह शब्द भी पुरानी अंग्रेज़ी के(sape) से लिया गया है।
इसका उपयोग प्राचीन काल में जर्मन योद्धाओं द्वारा स्वयं को (भयानक) रूप देने के लिए और अपने बालों को लाल रंग में रंगने के लिए किया जाता था।
यह शब्द प्रोटो-जर्मेनिक *साइफन (saipon) "वह जो टपकने वाला पदार्थ / राल" (resin) से निकला है।
, West Frisian , Dutch , Old High German seiffa, German seife "soap," Old High German "," Old English "),
(स्रोत मध्य निम्न जर्मन सेपे-sepe )( पश्चिम फ़्रिसियाई स्ज़िप्पे sjippe -)(डच जीप zeep) (पुरानी उच्च जर्मन सेइफ़ा, )(जर्मन सेफ़ "साबुन,") पुराने उच्च जर्मन सेफ़र(seifar)
"फोम,"(foam) पुरानी अंग्रेज़ी सिपियन - (sipian )to drip"= टपकना"),
from PIE *soi-bon-, from root *seib- "to pour out, drip, trickle"
मूल भारोपीय रूप *सोई-बोन-, जड़ से *सीब- "बाहर डालना, टपकाना," (संभवतः लैटिन(sebum)= "tallow, suet, grease"). सहजीवन का स्रोत "टैलो, सुएट, ग्रीस (चरबी)")।
"इतिहास दर्ज करता है कि रोमन और यूनानियों द्वारा त्वचा को साफ करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेल को "सॉप" कहा जाता था, उदाहरण के लिए। (इतालवी सैपोन), फ्रेंच- सैवोन, (स्पेनिश -जैबोन) लेट लैटिन -सैपो के लिए रोमांस शब्द "बालों को रंगने के लिए पोमाडे" (यह पहली बार प्लिनी द्वारा उल्लेखित है।)।
उपर्युक्त शब्द मूलत:एक जर्मनिक ऋण-शब्द है, जैसा कि फिनिश सैपुआ है। लाक्षणिक अर्थ "चापलूसी" है जिसे 1853 से दर्ज किया गया है।
साबुन शब्द की व्युत्पत्ति-
आधुनिक अंग्रेजी में साबुन(Soap) शब्द मध्य अंग्रेजी शब्द (sope) सोपे से लिया गया है।
और यह शब्द भी पुरानी अंग्रेज़ी के(sape) से लिया गया है।
इसका उपयोग प्राचीन काल में जर्मन योद्धाओं द्वारा स्वयं को (भयानक) रूप देने के लिए और अपने बालों को लाल रंग में रंगने के लिए किया जाता था।
यह शब्द प्रोटो-जर्मेनिक *साइफन (saipon) "वह जो टपकने वाला पदार्थ / राल" (resin) से निकला है।
, West Frisian , Dutch , Old High German seiffa, German seife "soap," Old High German "," Old English "),
(स्रोत मध्य निम्न जर्मन सेपे-sepe )( पश्चिम फ़्रिसियाई स्ज़िप्पे sjippe -)(डच जीप zeep) (पुरानी उच्च जर्मन सेइफ़ा, )(जर्मन सेफ़ "साबुन,") पुराने उच्च जर्मन सेफ़र(seifar)
"फोम,"(foam) पुरानी अंग्रेज़ी सिपियन - (sipian )to drip"= टपकना"),
from PIE *soi-bon-, from root *seib- "to pour out, drip, trickle"
मूल भारोपीय रूप *सोई-बोन-, जड़ से *सीब- "बाहर डालना, टपकाना," (संभवतः लैटिन(sebum)= "tallow, suet, grease"). सहजीवन का स्रोत "टैलो, सुएट, ग्रीस (चरबी)")।
"इतिहास दर्ज करता है कि रोमन और यूनानियों द्वारा त्वचा को साफ करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेल को "सॉप" कहा जाता था, उदाहरण के लिए। (इतालवी सैपोन), फ्रेंच- सैवोन, (स्पेनिश -जैबोन) लेट लैटिन -सैपो के लिए रोमांस शब्द "बालों को रंगने के लिए पोमाडे" (यह पहली बार प्लिनी द्वारा उल्लेखित है।)।
उपर्युक्त शब्द मूलत:एक जर्मनिक ऋण-शब्द है, जैसा कि फिनिश सैपुआ है। लाक्षणिक अर्थ "चापलूसी" है जिसे 1853 से दर्ज किया गया है
साबुन शरीर की सफाई करता है। मैल साफ करता है। आज से पांचसौ वर्ष पहले अगर कबीर साबुन शब्द का प्रयोग आध्यात्मिक व्यंजना के लिए करते हैं तो स्पष्ट है कि उस दौर का समाज भी शरीर का मैल साफ करने के लिए साबुन का इस्तेमाल आमतौर पर कर रहा होगा।
यहां हम साबुन नाम के पदार्थ की व्युत्पत्ति की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि मैल साफ करने के साधन के बतौर साबुन शब्द की बात कर रहे हैं।
मूलतः यह यूरोपीय भाषाओं में इस्तेमाल होने वाला शब्द है।
आमतौर पर यह माना जाता है कि दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में साबुन शब्द पुर्तगालियों की देन है।
दक्षिण-पूर्वी एशिया में चाहे साबुन शब्द पुर्तगालियों के जरिये पहुंचा होगा परंतु भारत में इसके पीछे पुर्तगाली नहीं रहे होंगे। उसकी वजह है भारत में वास्को डी गामा पहला पुर्तगाली माना जाता है जो 1498 में कालीकट के तट पर उतरा था। जबकि कबीर दास का जन्म इससे भी सौ बरस पहले 1398 का माना जाता है।
"प्राचीन रोमन लोग ऑलिव ऑइल का प्रयोग भी शरीर को साफ रखने में करते थे।
उसका प्रयोग कबीर अपनी कई शिक्षाओं में वे करते नजर आते हैं-"मूरख को समुझावते, ज्ञान गाँठि का जाय । कोयला होय न ऊजला, सौ मन साबुन लाय
कबीर के वक्त तक हिन्दी में अरबी-फारसी शब्द घुल-मिल चुके थे।
साबुन शब्द का आगमन हिन्दी में अरबी से हुई है न कि पुर्तगालीयों से अरबी में हिब्रू से साफ़ और साफ़िया जैसे शब्द विकसित हुए है।
"साबुन के मुख्य रूपों में एक रूप सोप (soap) भी है जो अंग्रेजी शब्द है। यह मूलतः प्राचीन जर्मनिक लोकबोली का है जिसमें इसका रूप था (saipion). इसमें धुलाई, टपकना वहना
आदि भाव समाहित थे।
फ्रेंच में इसका रूप है सेवॉन (savon) . लैटिन में इसका रूप हुआ सैपो-सैपोनिस( sapo- saponis) अर्थ वही रहा हेयर डाई का।
लैटिन से यह शब्द ग्रीक भाषा में गया सैपॉन (sapon) बनकर। इतालवी में यह सैपोन (sapone) और स्पैनिश में जबॉन (jabon) बनकर उपस्थित हुआ।
यूरोप और अरब के बीच प्राचीन काल से ही व्यापारिक सम्बन्ध रहे हैं। अरब के सौदागरों की भाषा में सैपोन शब्द चढ़ा जिसका अरबी रूप साबुन हुआ और हिब्रू रूप हुआ सैबोन है।
पुर्तगाली भाषा में लैटिन से गया सैपो शब्द सबाओ (sabao) बनकर दाखिल हुआ।
स्पष्ट है कि पूर्वी एशियाई देशों या भारत के पश्चिमी तटवर्ती भाषाओं जैसे कन्नड़ 'कोंकणी, मराठी, गुजराती में इसके सबाओ, साबू, सबू जैसे रूप भी हैं ।
जो इस क्षेत्र में पुर्तगाली प्रभाव बताते हैं। मगर शेष भारत की ज्यादातर भाषाओं में ग्रीक सैपोन से प्रभावित होकर बना अरबी रूप साबुन ही प्रचलित हुआ।
प्राचीनकाल में ही अरबों ने ग्रीक से यह शब्द ग्रहण कर लिया था।
Middle English , fome 1300),
Old English fam "foam, saliva froth; sea,"
West Germanic *faimo-
(source also of Old High German veim
, German Feim),
PIE root *(s)poi-mo- "foam, froth"
(source also of Sanskrit phenah
; Latin pumex "pumice," spuma "foam;"
Old Church Slavonic pena "foam;"
Lithuanian spainė "a streak of foam").
The plastic variety used in packaging, etc., so called from 1937.
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