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आरती कुंजबिहारी की। श्रीगिरिधर कृष्णमुरारी की।1।
कोरस-★
आरती कुंजबिहारी की। श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की।2।
आरती कुंजबिहारी की। श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की।3।
कोरस-★
आरती कुंजबिहारी की। श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की।4।
अन्तरा-★
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गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।।
"श्रवण में कुण्डल झल काला।नंद के आनंद नंद लाला ।।
गगन सम अंग कान्ति काली ।राधिका चमक रही आली
"लतन में ठाढ़े वन माली "
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कोरस-
"आरती कुंजबिहारी की। श्रीगिरिधर कृष्णमुरारी की।।
कोरस-
"आरती कुंजबिहारी की। श्रीगिरिधर कृष्णमुरारी की।
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" जहां ते प्रकट भई गंगा,
चरण छवि श्रीवनमाली की श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की।।श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की।।
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