★-"इतिहास के बिखरे हुए पन्ने"-★
गुरुवार, 19 जून 2025
यदुवंश संहिता-
›
🙏 यदुवंश संहिता 🙏 योगेश रोहि को समर्पित गर्गसंहिता, पद्मपुराण, हरिवंशपुराण, भागवत पुराण, स...
बुधवार, 18 जून 2025
परशुराम और सहस्रबाहु की ऐतिहासिकता का विश्लेषण-
›
🙏 (परशुराम विष्णु के अंश नहीं ) 🙏 शोध और तुलनात्मक अध्ययन की सत्यता "सहस्रबाहु कार्तवीर्य, दानवीरता का उदाहरण, दत्तात्रेय-कृपा-...
सोमवार, 16 जून 2025
गुरु -
›
गुरुः कुम्भकारेव स्वशिष्यस्य अन्तः स्नेहं दत्त्वा ।। व्यक्तित्वं अनुशासयति बहिश्च स्थापित्वा।।१। नेत्राभ्यामिव नीयते ऋतपथे गुरुर्ना...
रविवार, 15 जून 2025
वेदों में पञ्चजन पाँच वर्णों का प्रतिनिधि- पञ्च ही हैं।
›
तदद्य वाचः प्रथमं मसीय येनासुराँ अभि देवा असाम। ऊर्जाद उत यज्ञियास: पञ्चजना मम होत्रं जुषध्वम् ॥ (ऋग्वेद-१०.५३.४) ( अनुवाद- ) - इस ऋचा में ...
शुक्रवार, 13 जून 2025
लेख मेरी अनुभूतियों के पल और बीते हुए कल का प्रतिबिम्ब है।...
›
लेख मेरी अनुभूतियों के पल और बीते हुए कल का प्रतिबिम्ब है।... -हर कर्म की प्रेरक सबकी ये अपनी परिस्थितियाँ है ! सहायक प्रवृत्ति या परिवेश ...
गुरु:
›
गुरुः = (गीर्य्यते स्तूयते महत्त्वात् । अर्थात गुरु: वह है- जिसकी महानताओं का गान किया जाता है। गुरु शब्द भारोपीय परिवार की अनेक भाषाओं में...
रविवार, 8 जून 2025
भक्त-भक्ति" और भगवान तीनों का परस्पर सम्पूरक अस्तित्व है। प्रस्तावित - गोपाचार्य हंस योगेश रोहि व माता प्रसाद जी !
›
भक्त-भक्ति" और भगवान तीनों का परस्पर सम्पूरक अस्तित्व है। भक्त का आध्यात्मिक अभिधेयार्थ (मूल- अर्थ) निष्काम और समर्पण भाव से सेवा करने ...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें