षष्ठस्तु मतिमान् ये वै तेषाम् आसीनमहासुर:।अभीरुरिति विख्यात: क्षितौ राजर्षिसत्तम:।।५३।
उन कालयों में जो छठी पुत्र था । वह वह महान असुर अभीरुरिति के नाम- से प्रसिद्ध हुआ ।
महाभारत आदि पर्व ६७ अध्याय।
असुराणां तु य: सूर्य: श्रीमांश्चैव महासुर: ।
दरदो नाम बाह्लाको वर: सर्व महीक्षितां ।।५८।असुरों में जो सूर्य नामक असुर था ।वही पृथ्वी पर राजाओं में श्रेष्ठ दरद नामक बाह्लाक राज हुआ ।
महाभारत आदि पर्व ६७वाँ अध्याय ।
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