पाल वंश
पाल साम्राज्य मध्यकालीन भारत का एक महत्वपूर्ण शासन था जो कि 750 - 1174 इसवी तक चला। पाल राजवंश ने भारत के पूर्वी भाग में एक साम्राज्य बनाया। इस राज्य में वास्तु कला को बहुत बढावा मिला। पाल राजा बौद्ध थे।
बंगाल को पहले गौर देश कहा जाता था जिसका मतलब गोपालो का देश होता है और गौर उपजाति उस समय बंगाल मे गोपालो की थी
An Anglo-Indian Dictionary: A Glossary of Indian Terms Used in English, and ...
https://books.google.co.in/books?id=7tAOAAAAQAAJ&pg=PA7&dq=ahir+ruling+pastoral&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwj6i7_1577tAhXE4HMBHVwFAvAQ6AEwCXoECAcQAg#v=onepage&q=Cowherd%20orissa&f=false
गौर राजा सशांक शैव धर्म के अनुयायी थे जिसने बोधी वृक्ष को कटवा के गंगा मे फेकवा दिये थे.
गौर शासक सशांक ने युद्ध मे पुष्यभूति वंश के राजवर्धन तथा उसकी बेहेन की हत्या करवा दिया था, हर्ष वर्धन के आक्रामन के बाद गौर शासक शाशांक पूर्वी बंगाल भाग गया, शाशांक और हर्षवर्धन के बाद पूरे राज्य के मे बहुत आफरा- तफरी मच गाय था अशांति से मुक्ति के लिए लोगो ने एक विधावा गोपिका के बेटे गोपाल को को अपना सेनापति नियुक्त किये तथा फिर बाद मे जनता के द्वारा बंगाल का राजा नियुक्त किये गये! जिसके साम्राज्य बाद मे पूरे तत्कालीन भारत मतलब आज के अफगनिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, बर्मा, तथा भूटान सहित पर राज्य किये|
यह पूर्व मध्यकालीन राजवंश था । जब हर्षवर्धन काल के बाद समस्त उत्तरी भारत में राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक गहरा संकट उत्पन हो गया, तब बिहार, बंगाल और उड़ीसा के सम्पूर्ण क्षेत्र में पूरी तरह अराजकत फैली थी । जनता द्वारा गोपाल को सिंहासन पर आसीन किया गया था, जो कि गोपाल ( यादव) जाति से थे.
इस बात का समर्थन Democracy and Election: Bangladesh Perspective,
Co-operative Book Society करती है
https://books.google.co.in/books?id=1S6OAAAAMAAJ&dq=Gopal+%2C+a+cowherd+and+dairyman+was+actually+elected+king+of+Bengal+by+popular+...&focus=searchwithinvolume&q=Cowherd
। तारंथ रचित ‘मत्स्यन्यय’ के अनुसार उस क्षेत्र में फैली अशान्ति को दबाने के लिए कुछ प्रमुख लोगों ने यादव(गोपाल) वंश के सैन्य कमांडर गोपाल को अपना राजा चुना | इस प्रकार राजा का निर्वाचन एक अभूतपूर्व घटना थी। इसका अर्थ शायद यह है कि गोपाल उस क्षेत्र के सभी महत्त्वपूर्ण लोगों का समर्थन प्राप्त करने में सफल हो सका और इससे उसे अपनी स्थिति मज़बूत करन में काफ़ी सहायता मिली। वह योग्य और कुशल शासक था, जिसने 750 ई. से 770 ई. तक शासन किया ।
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The Cattle and the Stick: An Ethnographic Profile of the Raut of Chhattisgarh
Lok Nath Soni ने पाल वंश को यादव बताए है शिलालेखों के अनुसार पाल वंश पूरे भारत पर राज्य किये थे
https://books.google.co.in/books?id=wT-BAAAAMAAJ&dq=Palas+dynasty+was+Ahirs&focus=searchwithinvolume&q=Pala
Anthropological Survey of India, Government of India, Ministry of Tourism and Culture, Department of Culture, 2000
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एक 18 वी सदी के कापर् प्लेट मे पाल वंश को सूरज वंशी बताया गया है। Bengal gazettere मे SURAJ BANSHI को यदुवंश का sub- caste लिखा है।
https://books.google.co.in/books?id=9FAzAQAAMAAJ&pg=PA283&dq=NAND+BANSI,SURAJBANSI&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwiv1d688rrzAhVbeH0KHV_JBm0Q6AF6BAgKEAM#v=onepage&q=NAND%20BANSI%2CSURAJBANSI&f=false
Bombay Presidency Gazetteer मे गवली (गोपाल) राजा जो खंडेस से मिर्जापुर तथा नेपाल मे राज्य किया, बंगाल के महान बुद्धिष्ट साम्राज्य पालवंश को गवली(गोपाल) से संबंधित बताया.
https://books.google.co.in/books?id=dLUBAAAAYAAJ&pg=PA77&dq=bombay+gazatere+shepherd+kings+of+nepal&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjAsYPIpefkAhXEKY8KHVBUDdQQ6AEICzAA&fbclid=IwAR3bz1hrMmJ7Oz2vnkk7dKAmUBJfVZeL9AtE5lHyTofsokfRXrjJxMno5vM#v=onepage&q=bombay%20gazatere%20shepherd%20kings%20of%20nepal&f=false
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India's Communities: N - Z
यादवो ने ना सिर्फ दक्षिण भारत पर राज्य किये, बल्कि उत्तर भारत पर भी राज्य किये, जिसमे पाल वंश भी शामिल है
Oxford University press::
https://books.google.co.in/books?id=jHQMAQAAMAAJ&q=Palas+dynasty+was+Ahirs&dq=Palas+dynasty+was+Ahirs&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwigkoXz8eLuAhUw6nMBHe67Dwg4FBDoATAIegQIABAC
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People of India: West Bengal, Volume 43, Part 2
Anthropological Survey of India, 2008 - Ethnology - 1397 pages मे सदगोप को पाल साम्राज्य का वंसज बताया, गोप भूमि बंगाल पर सदगोप राजाओ ने राज्य किया.
https://books.google.co.in/books?redir_esc=y&id=qBhWAAAAYAAJ&focus=searchwithinvolume&q=Good+cowherd
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Hindu Castes and Sects: An Exposition of the Origin of the Hindu Caste System
पाल उपनाम (Surname) बंगाल मे गोपाल ( यादव) जाति का है
https://books.google.co.in/books?id=xlpLAAAAMAAJ&dq=krishnaut+orissa&focus=searchwithinvolume&q=Pallavas
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गोपाल अथवा अहीर ने नेपाल पर राज्य किया, पाल वंश को भी अहीर से संबंधित बतायाबताया
https://books.google.co.in/books?id=uKZJAAAAMAAJ&pg=PA3&dq=ancient+West+Bengal+history+Ahir&hl=hi&sa=X&ved=0ahUKEwip0Ond3aLbAhUBqo8KHfHZA5QQ6AEIKjAB#v=onepage&q=ancient%20West%20Bengal%20history%20Ahir&f=false
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The Tribes and Castes of the North-Western Provinces and Oudh, Volume 1
By William Crooke
https://books.google.co.in/books?id=hHM6baknNRIC&dq=pala+dynasty+were+abhiras&q=Goala#v=onepage&q=Shepherd&f=false
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Journal of the Ethnological Society of London, Volume 1
Sir Henery Elliotte ने पाल वंश को shepherd ( पशु पालक) तथा अहीर से संबंधित बतायाl
https://books.google.co.in/books?id=sLU6AAAAcAAJ&pg=PA107&dq=Palas+dynasty+was+Ahirs&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwjqjJKW7OLuAhVEfH0KHfAHAmoQ6AEwBHoECAYQAg#v=onepage&q=Palas%20dynasty%20was%20Ahirs&f=false
पालकालीन स्थापत्य
पालकालीन स्थापत्य के इस दौर में विक्रमशिला विहार, ओदंतपुरी विहार, जगदल्ला विहार आदि का निर्माण हुआ।
धर्मपाल द्वारा निर्मित सोमापुर महाविहार (बांग्लादेश) सबसे बड़ा बौद्ध विहार है जिसे यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया।
नालंदा महाविहार की स्थापना तो गुप्तकाल (कुमारगुप्त) में हुई, किंतु पाल शासकों ने भी इसके विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
· ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय भी नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय की तरह विख्यात था, परंतु उदंतपुरी विश्वविद्यालय का उत्खनन कार्य नहीं होने के कारण यह आज भी धरती के गर्भ में दबा है, जिसके कारण बहुत ही कम लोग इस विश्वविद्यालय के इतिहास से परिचित हैं।
· अरब के लेखकों ने इसकी चर्चा 'अदबंद' के नाम से की है, वहीं 'लामा तारानाथ' ने इस 'उदंतपुरी महाविहार' को 'ओडयंतपुरी महाविद्यालय' कहा है। ऐसा कहा जाता है कि नालंदा विश्वविद्यालय जब अपने पतन की ओर अग्रसर हो रहा था, उसी समय इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी।
· इसकी स्थापना प्रथम पाल नरेश गोपाल ने सातवीं शताब्दी में की थी।8वीं शताब्दी में पाल वंश के शासक धर्मपाल द्वारा बिहार प्रान्त के भागलपुर में विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। पूर्व मध्यकालीन भारतीय इतिहास में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। विक्रमशिला विश्वविद्यालय नालन्दा के समकक्ष माना जाता था। इसका निर्माण पाल वंश के शासक धर्मपाल (770-810 ईसा पूर्व) ने करवाया था। मध्यकालीन भारतीय इतिहास में इस विश्वविद्यालय का महत्त्वपूर्ण स्थान था। यहां पर बौद्ध धर्म एवं दर्शन के अतिरिक्त न्याय, तत्व ज्ञान एवं व्याकरण का भी अध्ययन कराया जाता था| पाल वंश के मूर्ति कला मे विष्णु, लक्ष्मी, काली, बलराम & गणेश आदि देवता का प्रतिमा होते थे.
हरे कृष्ण!!!
हरे बलराम!
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