रविवार, 4 फ़रवरी 2024

यान्ति देवव्रता देवान् पितृ़न्यान्ति पितृव्रताः।भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम्।।(श्रीमद्भगवद्गीता-9/25) अनुवाद:-देवताओं का पूजन करनेवाले देवताओं को प्राप्त होते हैं। पितरों का पूजन करने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं। भूत-प्रेतों का पूजन करने वाले भूत-प्रेतों को ही प्राप्त होते हैं।परन्तु हे अर्जुन! मेरा पूजन करने वाले वैष्णव भक्त मुझे ही प्राप्त होते हैं।____________________सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः। -श्रीमद्भगवद्गीता-(18.66)अनुवाद:-सब धर्मां का परित्याग करके मुझ एक की शरण में आ जा। मैं तुझे सारे पापों से छुड़ा दूँगा। तू शोक मत कर।66।

यान्ति देवव्रता देवान् पितृ़न्यान्ति पितृव्रताः।
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम्।।
(श्रीमद्भगवद्गीता-9/25) 
अनुवाद:-
देवताओं का पूजन करनेवाले  देवताओं को प्राप्त होते हैं। पितरों का पूजन करने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं। भूत-प्रेतों का पूजन करने वाले भूत-प्रेतों को ही प्राप्त होते हैं।
परन्तु  हे अर्जुन!  मेरा पूजन करने वाले वैष्णव भक्त मुझे ही प्राप्त होते हैं।

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सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः।
 -श्रीमद्भगवद्गीता-(18.66)
अनुवाद:-
सब धर्मां का परित्याग करके मुझ एक की शरण में आ जा। मैं तुझे सारे पापों से छुड़ा दूँगा। तू  शोक मत कर।66।

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