गुरुवार, 16 फ़रवरी 2023

मनुष्य का जीवन अंगूर के सदृश है।

मानव तेरा जीवना जैसे अंगूरों का वेष।
किश्मिस कभी मुनक्का कारण परिवेश।।

यौवन के मद में फिरा ले मदिरा का आवेश।
मूल्य बदलते ही रहे,ज्यों ज्यों बदला तेरा देश।
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अर्थ- यह मानव जीवन अंगूर के जीवन के समान देश काल और परिस्थितियों के अनुरूप अपना मूल्यांकन करता है। 
यौवन अवस्था में तूफान और आँधियो के समान कामावेग से व्याप्त मदिरा के आवेश में रहता है।

और उम्र के साथ जीवन की प्रयोगशाला में अनेक अनुभवों के प्रयोग करते हुए जब प्रौढ़ता और वृद्धावस्था की दहलीज़ पर पहुंचता है।
तब जीवन के वासनामूलक आवेग शान्त हो जाते हैं। आत्मा , परमात्मा और जीवन के विषय में चिन्तन करता है । तब जीवन मूल्य वान और सार्थक हो जाता है। जैसे अंगूर की मूल्यवान अवस्थाएँ किश्मिस और मुनक्का कहलाते हैं।
जिनके मूल्य अंगूर की अपेक्षा अधिक होते हैं।

अंगूर का मूल्य आज 80  रुपए किलो है तो  किश्मिस का मूल्य 400 रुपए किलो । 
अंगूर की वृद्धावस्था का नाम किश्मिस है।
कभी कभी जवानी की अपेक्षा बुढ़ापे में लोगो का मूल्य बड़ जाता है। क्योंकि यह जीवन का अन्तिम पढ़ाव है। विकारों से रहित और सार से युक्त अवस्था है। जैसे अंगूर की एक अवस्था किश्मिस इस लिए आप भी किश्मिस बनो।

छोटे अंगूर जब बूढ़े और कमजोर हो जाते हैं तो उनमें सार बड़़ जाता है तब वे किश्मिस कहलाते हैं। और जब आकार में बड़े से अंगूर इसी वृद्धावस्था और कमजोर की हालत  में पहुँचते हैं तो वे मुनक्का कहलाते हैं ।

और युवावस्था में मद तासीर देने वाली  मदिरा भी अंगूर का एक रूपान्तरण हैं।
मित्रों जिसमें तूफान और आँधिया बेहिसाब आती जाती रहती हैं। जब तूफान गुजर जाता है तब लगता है कि कितना हानि हुई और कितना लाभ-

मानव जीवन भी ठीक अंगूर जैसा है । इसकी भी परिस्थितियों और समय -अन्तराल में स्थान विशेष के अनुसार अनेक भूमिकाएं हो जाती  हैं।

मुनक्का एवं किशमिश में तेजी का रुख अंगूर के वृद्धावस्था को दर्शाता है।

आज बाजार में किशमिश 160 से 240 रुपए किलो है ।
और अंगूर का भाव 70 -से 80 रुपए किलो ही है। जबकि  मुनक्का 240 से 450

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