👉किसान एक ट्राइब्स हैं।
ये नेपाल में भी हैं और भारत के झारखंड और उड़ीसा जैसे प्रांतों में भी। इनकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड में 31,568 है।
ये मूलतः #मुंडारी भाषा बोलते हैं। इन्हें बंगला में हलधर भी कहा जाता है। किसन ( कृष्ण ) के भाई हलधर थे। किसन का संबंध किसान से है।
किसान ट्राइब्स के लोग आस्ट्रिक प्रजाति के हैं।
इसका सबूत उनका मुंडारी भाषा है।
👉#आस्ट्रिक_प्रजाति के लोग ही " #हो " भाषा भी बोलते हैं ।
इसी " हो " भाषा का शब्द #अहीर है जिसका मूल प्रतिरूप अयेर ( पशुओं से संबंधित ) है जो उस भाषा का काफी उर्वर शब्द है।
👉आस्ट्रिक प्रजाति के लोगों को भारत के संदर्भ में शबर भी कहा जाता है ।
डी.डी. कोसंबी ने लिखा है कि भारत में #बाँसुरी का आविष्कार शबरों ने किया है अर्थात आस्ट्रिकों ने किया है।
👉आइए, कदम्ब के पेड़ का भाषावैज्ञानिक विश्लेषण करते हैं । अमेरिकन भाषावैज्ञानिक प्रजिलुस्की ने बताया है कि " म्ब " नामांत शब्द मुंडाओं का है अर्थात आस्ट्रिकों का है।
इसीलिए कदम्ब भी आस्ट्रिकों का है ।
ये निष्कर्ष अम्बा, कुटुम्बा, तुम्बा जैसे भौगोलिक स्थानों पर आधारित है।
👉कुल मिलाकर बात ये कि #किसान_अहीर_बाँसुरी_और_कदम्ब के पेड़ आस्ट्रिकों के हैं।
यदि किसन का वास्तविक नाम किसान मान लें तो ये निष्कर्ष आश्चर्य में डालता है।
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