मंगलवार, 13 नवंबर 2018

राधा कृष्णाभ्याम् नमस्तुते नमो नमः !

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राधा और कृष्ण वस्तुत कौन थे ? उनके आध्यात्मिक स्वरूप को अभिव्यञ्जित करने वाली यह पावन काव्यात्मक स्तोत्र यादव योगेश कुमार "रोहि" की आध्यात्मिक साधनाओं से प्रादुर्भूत है !
इसका श्रद्धा - प्रवण भाव से गायन करने पर सत्य-ज्ञान की प्राप्ति होती है ।
ऐसी मेरी मान्यता है ।
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राधा एक आराधना है 
      और कृष्ण आकर्षण घना !
सम्यक् भक्ति का स्वरूप ये .
       ज्ञान , कर्म जिससे बना !!
दौनों हैं सम्यक् स्वरूप से .
        शब्द-अर्थ की व्यञ्जना !!!
एक सुगन्ध  द्वितीय पराग तो .
         जैसे विचार और भावना !!
राधा मेरा आराधन है .
मेरे जीवन का सब धन है  .
              है यही वेद की वेदना !!!
कृष्ण ज्ञान की पावन निधि तो .
             राधा कृष्ण की  उपासना !!
राध्नोति प्रसीदयति .
             राधा भक्ति की गति .
कर्षति आकर्षति सर्वान् ध्यान .
             है कृष्ण ज्ञान की आवृत्ति !!!
ओ३म् श्रीभ्याम् च राधा कृष्णाभ्याम् नमस्तुते नमो नमः !💐💐💐💐💐💐......

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