सामान्य भूतकाल’ का अर्थ है कि जब भूतकाल के साथ ‘कल’ ‘परसों’ सप्ताह, वर्ष" आदि विशेषण न लगे हों तब यदि ये समय निर्धारण सूचक विशेषण है तो लङ् -लकार का प्रयोग होगा
बोलने वाला व्यक्ति चाहे अपना अनुभव बता रहा हो अथवा किसी अन्य व्यक्ति का, अभी बीते हुए का वर्णन हो या पहले बीते हुए का, सभी जगह लुङ् लकार का ही प्रयोग करना है।
भले ही घटना साल भर पहले की हो किन्तु यदि कोई विशेषण नहीं लगा है तो इस भूत काल की घटना में लुङ् लकार का ही प्रयोग होगा।।
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(२) ‘आज गया’ , ‘आज पढ़ा’ , ‘आज हुआ’ आदि अद्यतन (आज वाले) भूतकाल के लिए भी लुङ् लकार का ही प्रयोग करना है, लङ् या लिट् लकार का नहीं।
लुङ् लकार के रूप के साथ यदि ‘माङ्’ अव्यय ( मा शब्द ) लगा दें तो उसका अर्थ निषेधात्मक हो जाता है और तब इसका प्रयोग भूतकाल के लिए नहीं अपितु ‘आज्ञा’ या ‘विधि’ अर्थ हो जाता है जैसे –
”दुःखी मत होओ” = “खिन्नः मा भूः”
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एक बात ध्यान रखनी है कि जब माङ् का प्रयोग करेंगे तो लुङ् लकार के रूप के "अकार" का लोप हो जाएगा।
जैसे-अभूत् के अ का लोप होकर – मा अभूत् का मा-भूत् रूप,तथा मा-अभूः का मा-भू: रूप हो जाता है
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