पुरुरवा उर्वशी संवाद सूक्त ऋग्वेद (१०/९५) में पाया जाता है। इस सूक्त के ऋषि हैं – पुरुरवा ऐळ। तथा देवता – उर्वशी है और इस सूक्त का छन्द है – त्रिष्टुप्।

इस सूक्त में पुरुरवा और उर्वशी का संवाद है। परन्तु इस सूत्र को केवल कथा के रूप से नहीं देखना चाहिए। इस सूक्त के कुछ गूढ अर्थ भी हैं।

पुरुरवा और उर्वशी सूक्त के पीछे एक कहानी भी है