कारक- (The Case) 


कारक (Case)— तीन हैं—कर्ता कारक, कर्म कारक एवं संबंध कारक। 
1.कर्ता कारकj

  •  (Nominative Case) :


जैसे : 
१-Ram wrote a letter to me. राम ने मुझे पत्र लिखा।
 २-Sohan went to Kolkata. सोहन कोलकाता गया।
 उपर्युक्त वाक्यों में प्रथम वाक्य में Ram तथा दूसरे वाक्य में Sohan क्रमशः लिखने व जाने का कार्य कर रहे हैं, अतः ये कर्ता कारक में हैं। कर्ता कारक को प्रथमा विभक्ति भी कहा जाता है।

कर्म कारक (Objective or Accusative Case) : 

जब कोई संज्ञा या सर्वनाम (Noun or Pronoun)— क्रिया के कर्म के रूप में कार्य करता है तो वह कर्म कारक में होता है। इसे द्वितीया विभक्ति भी कहते हैं। 

The book is on the table.
 किताब मेज पर है। 
He gave me a pencil.
 उसने मुझे एक पेंसिल दी।

उपर्युक्त वाक्यों में book एवं me कर्म कारक हैं। कर्ता कारक की पहचान के लिए क्रिया के आगे Who? or What? (कौन? या क्या?)—रखें। उत्तर में जो प्राप्त होगा वह कर्ता कारक(Nominative Case)— होगा 


इसी प्रकार कर्म कारक (Objective Case)— की पहचान के लिए क्रिया तथा इसके विषय के आगे  Whom ? or What? रखें तो कर्म कारक स्पष्ट हो जाएगा। संबंध सूचक अव्यय (Preposition)— के बाद आनेवाला (आच्छादित)—शब्द भी कर्म कारक होता है।
 The cat jumped upon the table. बिल्ली मेज पर कूदी। उपर्युक्त वाक्य में टेबल objeobjetive Case है।

ध्यान दें कि कर्ता सामान्यतया क्रिया से पहले तथा कर्म क्रिया के बाद आता है।

संबंध कारक (Possessive or Genitive Case) : जिससे किसी वस्तु से किसी के संबंध का पता चले, उसे Possessive Case या षष्ठी विभक्ति कहते हैं, 
जैसे : This is Mohan’s chair. यह मोहन की कुरसी है।
 It is my car. यह मेरी कार है। यहाँ Mohan’s तथा my, Possessive Case हैं। इसे जानने का आसान सा तरीका है Whose? किसका? किसकी? प्रश्न पूछें।

लेकिन Possessive Case हमेशा स्वामित्व ही नहीं दरशाता, यह अन्य प्रकार से भी प्रयुक्त हो सकता है, 

जैसे : Shiva’s temple—temple dedicated to Shiva. शिवजी का मंदिर।
 The Court’s decree—Decree passed by a court. न्यायालय द्वारा मान्य। 
Tulsidas’s Ramcharitmanas —Ramcharitmanas written by Tulsidas. तुलसीदास कृत रामचरितमानस ।

षष्ठी विभक्ति (Possessive Case)

बनाने के लिए ’s का प्रयोग 
 सजीव संज्ञाओं की षष्ठी बनाने हेतु ’s का प्रयोग : Reena’s brother, Kailash’s chair, cat’s nail. रीना का भाई, कैलाश की कुरसी, बिल्ली का नाखून।

 राजनीतिक दलों, लोगों के समूह तथा देशों के साथ : BJP’s conference, the group’s leader, India’s heroes.
 भाजपा का सम्मेलन, समूह का नेता, भारत के नायक। 

दिन, समय, भार दरशाने वाली संज्ञाओं के साथ : Thursday’s march, five minute’s stay, a pound’s weight. 
गुरुवार का मार्च, पाँच मिनट का विश्राम, पाउंड भर वजन।
 
 ग्रहों के साथ, जैसे :Moon’s brightness, world’s atmosphere . चाँद की चमक, वैश्विक वायुमंडल।

 बहुवचन संज्ञाएँ, जिनके अंत में s हो तो उनकी षष्ठी बनाते समय केवल ’ लगाते हैं,

 जैसे : Boys’ school, farmers’ fields. 
लड़कों का स्कूल, किसानों के खेत। लेकिन अंत में बिना s वाली बहुवचन संज्ञाओं के साथ ’s लगाया जाता है, जैसे॒: Men’s wears, women’s seats. पुरुषों के परिधान, महिलाओं की सीटें।


अंत में s युक्त एकवचन संज्ञाओं की षष्ठी दोनों प्रकार से अर्थात् केवल ’ लगाकर या ’s लगाकर बनाई जा सकती है, जैसे : Francis—Francis’ or Francis’

  संयुक्त नामों में उसके अंतिम खंड में ’s लगाया जाता है। Brother-in-law’s bus. साले की बस। Father-in-law’s house. ससुर का घर।

निर्जीव संज्ञाओं के साथ ’s नहीं लगाया जाता बल्कि of का प्रयोग किया जाता है, जैसे : The roof of the house (not house’s roof). घर की छत। Leg of the cot (not cot’s leg). चारपाई का पाया। 

 षष्ठी विभक्ति के सर्वनामों जैसे yours, ours, its, theirs आदि के साथ ’ का प्रयोग नहीं होता। 

 षष्ठी विभक्ति (का, की, के)—के लिए कई बार अंग्रेजी में कुछ भी प्रयोग नहीं किया जाता, जैसे : A rose petal. गुलाब की पंखुड़ी। Train service. रेलगाड़ी की सेवा। A bus journey. बस-यात्रा।