शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

रूस और यूक्रेन का प्राचीन सम्बन्ध-

रूस और यूक्रेन दोनोैं ही देश कभी एक थे और स्लाविक संस्‍कृति के अनुयायियों में थे।

दौनों की भाषा का मूल भारोपीय वर्ग की स्लाविक भाषा है। दौनों देशों के राष्ट्रपति व्लादिमीर हैं।

जो शब्द: वैदिक संस्कृत के (बलितवीर:)का  रूपान्तरण है। 
इन संस्कृतियों में परम्परागत सम्राट को व्लादिमीर नाम ही दिया जाता है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैं  
तो यूक्रेन के राष्ट्रपति " व्लादिमीर ज़ेलेस्की हैं।
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It is the perceptual  source of evidence for its existence is provided by:
1-Latin valere "be strong, be well, be worth;"

 2-Old Church Slavonic vlasti "to rule over;"

 3-Lithuanian valdyti "to have power;"

 4-Celtic *walos- "ruler," 

5-Old Irish flaith "dominion," अधिराज्य उपनिवेश 

6-Welsh- gallu "to be able;" 

7-Old English- wealdan "to rule," 

8-Old High German -walt, -wald "power"
(in personal names), 

9-Old Norse valdr "ruler."
10-veidic Sanskrit- balitha( बलिता:)

यह इसके अस्तित्व के प्रमाण का अवधारणात्मक स्रोत है:
जैसे - लैटिन भाषा में "वेलेरे ="मजबूत बनो, अच्छी तरह से बनो, लायक बनो;"

ओल्ड चर्च स्लावोनिक में  vlasti=  बलिष्ठ-"शासन करने के लिए;"
लिथुआनियाई में  valdyti= "शक्ति रखने के लिए;"
 
सेल्टिक में वालोस- ="शासक,"
ओल्ड आयरिश में फ्लेथ = उपनिवेश,"
वेल्श में  गैलू "सक्षम होने के लिए;"
पुरानी अंग्रेज़ी में  वेल्डन "शासन करने के लिए,"
ओल्ड हाई जर्मन -वाल्ट, -वाल्ड "पावर /बल" (व्यक्तिगत नामों में),
पुराना नॉर्स बाल्डर "शासक।"
वैदिक संस्कृत- बलिष्ठा
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 [ˈvɫadimir]

Владимир • (Vladimir) m

A male given name, equivalent to English Vladimir
Russian-
Alternative forms
Влади́міръ (Vladímir) – Pre-reform orthography (1918)
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Etymology
Borrowed from Old Church Slavonic Владимѣръ (Vladiměrŭ),

from Proto-Slavic *Voldiměrъ (where further etymology is listed).

Synchronically analyzable as 

Old Church Slavonic владь (vladĭ, “power”) 
(which is from Proto-Indo-European *wal वल् /बल्(“be strong”)) + мѣръ (měrŭ, मिहिर-/महर: mere “great”), 
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changed by folk etymology into миръ (mirŭ, “peace”). 

Compare the inherited Old East Slavic Володимѣръ (Volodiměrŭ).

Pronunciation
: [vɫɐˈdʲimʲɪr]
Proper noun




A male given name, equivalent to English- Vladimir
Vladimir (a city, the administrative center of Vladimir Oblast, Russia)
Usage notes
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The Russian male name Влади́мир (Vladímir) is never shortened as Влад (Vlad), common pet forms are Воло́дя (Volódja) or Во́ва (Vóva). Влад (Vlad) is a short form of Владисла́в (Vladisláv) or a name on its own.
Declension


Note: the city name does not have a plural form, or it is never used.

Derived terms 
(male name):

Diminutives:

Воло́дя (Volódja)
Во́ва (Vóva)
Вла́дя (Vládja)
Ла́дя (Ládja)
Ва́дя (Vádja)
Endearing forms:

Воло́денька (Volódenʹka)
Во́вочка (Vóvočka)
Воло́дик (Volódik)
Pejorative forms:

Воло́дька (Volódʹka)
Во́вка (Vóvka)
Patronymics:

Влади́мирович (Vladímirovič), Влади́мирыч (Vladímiryč)
Влади́мировна (Vladímirovna), Влади́мирна (Vladímirna)
Surnames:

Влади́миров (Vladímirov)

Descendants
→ Arabic: فْلَادِيمِير‎ (fladīmir)
→ Armenian: Վլադիմիր (Vladimir)
Chinese:
→ Mandarin: 弗拉基米爾, 弗拉基米尔 (Fúlājīmǐ'ěr)
→ Georgian: ვლადიმერ (vladimer)
→ Greek: Βλαδίμηρος (Vladímiros), Βλαντίμιρ (Vlantímir)
→ Hindi: व्लादिमिर (vlādimir)
→ Japanese: ウラジーミル (Urajīmiru)
→ Korean: 블라디미르 (Beulladimireu)
→ Latvian: Vladimirs
→ Lithuanian: Vladimiras
→ Romanian: Vlad, Vladimir
[ˈvɫadimir]

ладимир • (व्लादिमीर) एम

лади́міръ (व्लादिमीर) - पूर्व-सुधार शब्दावली (1918)

(शब्द व्युत्पत्ति) यह शब्द
ओल्ड चर्च स्लावोनिक ладимѣръ (व्लादिमीर) से उधार लिया गया, और यहाँ भी

प्रोटो-स्लाविक *Voldiměrъ से (जहां आगे व्युत्पत्ति सूचीबद्ध है)।

जैसे- पुराने चर्च स्लावोनिक भाषा में владь (व्लाद, "बल") (जो प्रोटो-इंडो-यूरोपियन *वाल ​​("मजबूत बनें") से है) + мѣръ (měrŭ, "महान") के रूप में समकालिक रूप से विश्लेषण योग्य है।

लोक व्युत्पत्ति द्वारा  यह миръ (mirŭ, "शांति")अर्थ में बदल दिया गया।

विरासत में मिले ओल्ड ईस्ट स्लाविक олодимѣръ (Volodiměrŭ) की तुलना करें।


व्लादिमीर (एक शहर, व्लादिमीर ओब्लास्ट, रूस का प्रशासनिक केंद्र)
उपयोग टिप्पणी-
रूसी पुरुष नाम лади́мир (व्लादिमीर) को कभी भी лад (व्लाद) के रूप में छोटा नहीं किया जाता है,।
 आम पालतू रूप Воло́дя (वोलोड्जा) या о́ва (वोवा) हैं। 
лад (व्लाद) Владисла́в (व्लादिस्लाव) का संक्षिप्त रूप है या अपने आप में एक नाम है।

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→ जापानी: (उराजोमिरु)
→ कोरियाई: 블라디미르 (बेउलादिमीरु)
→ लातवियाई: व्लादिमीर
→ लिथुआनियाई: व्लादिमीरस
→ रोमानियाई: व्लाद, व्लादिमीर

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 [


оло́дик (वोलोडिक)
अपमानजनक रूप:

воло́дька (वोलोडिका)
о́вка (वोव्का)
पेट्रोनामिक्स:

лади́мирович (व्लादिमिरोविच), лади́мирыч (व्लादिमिर्य)
лади́мировна (व्लादिमिरोवना), лади́мирна (व्लादिमिरना)
उपनाम:

лади́миров (व्लादिमिरोव)
वंशज संपादित करें
→ अरबी: لَادِيمِير‎ (fladīmir)
→ अर्मेनियाई: (व्लादिमीर)
चीनी:
→ मंदारिन: , (फ़िलाज्मीर)
→ जॉर्जियाई: (व्लादिमर)
→ ग्रीक: Βλαδίμηρος (व्लादिमिरोस), Βλαντίμιρ (व्लांटिमिर)
→ हिंदी: व्लादिमिर (व्लादिमीर)
→ जापानी: (उराजोमिरु)
→ कोरियाई: 블라디미르 (बेउलादिमीरु)
→ लातवियाई: व्लादिमीर
→ लिथुआनियाई: व्लादिमीरस
→ रोमानियाई: व्लाद, व्लादिमीर
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रूस और यूक्रेन विवाद क्या है

बात साल 2014 की है। जब रूस ने यूक्रेन में स्थित क्रिमिया को हमला कर के अपनी सीमा में मिला लिया था। इसके बाद से रूस और यूक्रेन संबंधों में तनाव आ गए। आपको बता दे कि यूएसएसआर से साल 1991 में अलग होने के बाद भी यूक्रेन रूस के पक्ष में खड़ा रहता था। 

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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे वर्तमान विवाद की मुख्य वजह नाटो है। 4 अप्रैल,1949 को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन यानि नाटो का जन्म हुआ था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद बने इस संगठन को अमेरिका द्वारा बारह देशों के समर्थन से बनाया गया था। मूलतः नाटो वेस्टर्न कंट्रीज और यूएसए के बीच बना एक सैन्य गठबंधन है। इसका मूल उद्देश्य सोवियत संघ के खिलाफ एकजुट रहना और सोवियत संघ के विस्तार पर रोक लगाना था।

अब मौजूदा हालत ये है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनने की इच्छा रखता है पर रूस इस बात के विरुद्ध है। रूस का कहना है कि ये उसके लिए नागवार है कि उसका पड़ोसी राष्ट्र नाटो की सदस्यता ग्रहण करे।

नाटो क्या है-

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन यानि नाटो अमेरिका, ब्रिटेन जैसे 30 देशों का एक सैन्य समूह है। 

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका ने इसकी नींव रखी थी।

 तब इसका मुख्य उद्देश्य सोवियत संघ के विस्तार पर रोक लगाना था।

 वर्तमान स्थिति ये है कि लातविया, इस्तोनिया जैसे देश नाटो में शामिल हो चुके हैं। 

अब यूक्रेन के नाटो से जुड़ जाने से रूस के लिए चुनौती बढ़ जाएगी। अमेरिका समेत पश्चिमी देश उस पर दवाब बना पाएंगे। 

गौर करने वाली बात ये भी है कि अगर यूक्रेन नाटो से जुड़ा तो इस संगठन के समझौते के तहत इसके सभी सदस्य यानि तीस देश यूक्रेन को सैन्य बल देंगे और एक साथ मिल कर रूस पर हमला भी कर पाएंगे।

यूक्रेन के नाटो से जुड़ने की इच्छा के पीछे एक बड़ी वजह है। यूक्रेन कभी भी अपने बलबूते रूस का सामना नहीं कर पाएगा।

 यूक्रेन के पास रूस जैसी विशाल सेना और आधुनिक हथियार मौजूद नहीं हैं। 2.9. मिलियन से अधिक सैन्य बल वाले रूस का सामना करने के लिए यूक्रेन के पास साधन नही हैं।

इसलिए अपनी स्वतंत्रता की खातिर यूक्रेन नाटो का सदस्य बनना चाहता है। 

रूस और यूक्रेन विवाद में अमेरिका की भूमिका -

रूस और यूक्रेन संबंधित विवाद में अमेरिका की बड़ी भूमिका है।

 रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका ने तीन हज़ार सैनिक यूक्रेन की धरती पर भेजा है। 

कहा जा रहा है कि अमेरिका ने यूक्रेन की मदद करने की बात की है। 

कुछ सूत्रों की माने तो अमेरिका अफगानिस्तान और ईरान में मिली नाकामी को भुनाने के लिए इस मुद्दे को तूल दे रहा है। 

अफगानिस्तान से सेना बुलाने के बाद अमेरिका के सुपर पावर इमेज को धक्का लगा है। इस प्रकरण के बाद अमेरिका अपनी छवि सुधारने में लगा है।

जैसा की हमने आपको बताया की रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे विवाद में अमेरिका का भी भूमिका है. दरअसल हालही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने विश्व को संबोधित करते हुए ये कहा है कि रूस अब वेस्ट कंट्रीज के साथ व्यापार नहीं कर सकता है, और वहां से उसे जो सहायता मिलती है वह भी मिलनी बंद हो जाएगी. और साथ ही रूस की 2 वित्तीय संस्थानों में प्रतिबध भी लगा दिया गया है. और साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि रूस पीछे नहीं हटता है तो वह अगले फैसले के लिए तैयार रहे.

रूस और यूक्रेन की भौगोलिक स्थिति 

रूस यूक्रेन से 28 गुना ज्यादा बड़ा है। जनसंख्या के मामले में भी यूक्रेन रूस से मात खाता है। रूस और यूक्रेन दोनो ही गैस और तेल संबंधी रिसोर्सेज में धनी हैं। यूक्रेन बेलारूस, ब्लैक सी, सी ऑफ अजोव, हंगरी, मोल्दोवा, रोमानिया, रूस, पोलैंड और स्लोवाकिया से अपनी सीमाएं बांटता है।


  1. यूक्रेन की सीमा पश्चिम में यूरोप और पूर्व में रूस से जुड़ी है। 1991 तक यूक्रेन पूर्ववर्ती सोवियत संघ का हिस्सा था। 
  2. रूस और यूक्रेन के बीच तनाव नवंबर 2013 में तब शुरू हुआ जब यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच का कीव में विरोध शुरू हुआ। जबकि उन्हें रूस का समर्थन था।
  3. यानुकोविच को अमेरिका-ब्रिटेन समर्थित प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण फरवरी 2014 में देश छोड़कर भागना पड़ा।
  4. इससे खफा होकर रूस ने दक्षिणी यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया। इसके बाद वहां के अलगाववादियों को समर्थन दिया। इन अलगाववादियों ने पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। 
  5. 2014 के बाद से रूस समर्थक अलगाववादियों और यूक्रेन की सेना के बीच डोनबास प्रांत में संघर्ष चल रहा था। 
  6. इससे पहले जब 1991 में यूक्रेन सोवियत संघ से अलग हुआ था तब भी कई बार क्रीमिया को लेकर दोनों देशों में टकराव हुआ। 
  7. 2014 के बाद रूस व यूक्रेन में लगातार तनाव व टकराव को रोकने व शांति कायम कराने के लिए पश्चिमी देशों ने पहल की। फ्रांस और जर्मनी ने 2015 में बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में दोनों के बीच शांति व संघर्ष विराम का समझौता कराया। 
  8. हाल ही में यूक्रेन ने नाटो से करीबी व दोस्ती गांठना शुरू किया। यूक्रेन के नाटो से अच्छे रिश्ते हैं। 1949 में तत्कालीन सोवियत संघ से निपटने के लिए नाटो यानी 'उत्तर अटलांटिक संधि संगठन' बनाया गया था। यूक्रेन की नाटो से करीबी रूस को  नागवार गुजरने लगी। 
  9. अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के 30 देश नाटो के सदस्य हैं। यदि कोई देश किसी तीसरे देश पर हमला करता है तो नाटो के सभी सदस्य देश एकजुट होकर उसका मुकाबला करते हैं। रूस चाहता है कि नाटो अपना विस्तार न करे। राष्ट्रपति पुतिन इसी मांग को लेकर यूक्रेन व पश्चिमी देशों पर दबाव डाल रहे थे।
  10. आखिरकार रूस ने अमेरिका व अन्य देशों की पाबंदियों की परवाह किए बगैर गुरुवार को यूक्रेन पर हमला बोल दिया। अब तक तो नाटो, अमेरिका व किसी अन्य देश ने यूक्रेन के समर्थन में जंग में कूदने का एलान नहीं किया है।
  11. वे यूक्रेन की परोक्ष मदद कर रहे हैं, ऐसे में  कहना मुश्किल है कि यह जंग क्या मोड़ लेगी। यदि यूरोप के देशों या अमेरिका ने रूस के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई की तो समूची दुनिया के लिए मुसीबत पैदा हो सकती है। 

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