रविवार, 23 अप्रैल 2017

उत्क्षिप्त व्यञ्जन वर्ण .....

क़ (/ q /) क़त्ल अघोष अलिजिह्वीय स्पर्श क (/ k /)
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ख़ (/ x या χ /) ख़ास अघोष अलिजिह्वीय या कण्ठ्य संघर्षी ख (/ kʱ /) ग़ (/ ɣ या ʁ /) ग़ैर घोष अलिजिह्वीय या कण्ठ्य संघर्षी ग (/ g /) फ़ (/ f /) फ़र्क अघोष दन्त्यौष्ठ्य संघर्षी फ (/ pʱ /) ज़ (/ z /) ज़ालिम घोष वर्त्स्य संघर्षी ज (/ dʒ /)
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ड़ (/ ɽ /) पेड़ में- अल्पप्राण मूर्धन्य उत्क्षिप्त ड (/ ɖ /)
वर्ण का रूप है जिसका अंगेजी रूप (R) र के रूप मेंअपने ही होगा ....
ढ़ (/ ɽʱ /) ----पढ़ना  यहाँ महाप्राण मूर्धन्य उत्क्षिप्त ढ (/ ɖʱ /)  का रूप है ।
हिन्दी में ड़ और ढ़ व्यंजन फ़ारसी या अरबी से नहीं लिये गये हैं, न ही ये संस्कृत में पाये जाये हैं। वास्तव में ये संस्कृत के साधारण ड, "ळ" और ढ के बदले हुए रूप हैं। क्योंकि संस्कृत वैदिक रूपों में ईड , ईर तथा ईल रूप भी परस्पर परिवर्तित होते देखें गये हैं ।

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