मंगलवार, 30 अप्रैल 2024

मोहन प्यारे तेरे द्वारे।

मोहन प्यारे तेरे द्वारे।
करता आज पुकार मैं-
दुनियाँँ झूँठी किस्मत रूठी और नइया मझधार में-
मोहन प्यारे तेरे द्वारे ।
करता आज पुकार मैं-
         मुखड़ा-
            
खाटू वाले श्याम निराले ।
जीवन मेरा अब तेरे हबाले-
दीन दु:खियों के ओ रखवाले-
क्यों भटक रहा बेकार मैं-
मोहन प्यारे तेरे द्वारे।
करता आज पुकार मैं-
       अन्तरा-१

वृन्दावन की सन्त गलिन में
लेकर आया अन्त: मलिन मैं-
कभी तंज और, तन्हाई को झेला-
सूने पथ पर मैं पथिक अकेला
चलता धीमी  रफ्तार में-
       अन्तरा २

मोहन प्यारे तेरे द्वारे।
करता आज पुकार मैं-
दुनियाँँ झूँठी किस्मत रूठी और नइया मझधार में-
मोहन प्यारे तेरे द्वारे ।
करता आज पुकार मैं-

चंचल मन है क्षणभंगुर काया 
कभी सत्य का मैंने सार न पाया।
दुनियाँ के सब  नौटंकी मेले-
करते करते ही समय बिताया।
साँसों को भी  बैच दिया 
 इस गफलत के  बाजार में 
         अन्तर-३

मोहन प्यारे तेरे द्वारे।
करता आज पुकार मैं-
दुनियाँँ झूँठी किस्मत रूठी और नइया मझधार में-
मोहन प्यारे तेरे द्वारे ।
करता आज पुकार मैं-

जज्वा जो मेरे जेहन में समाया।
बदनशींवी के जुल्मत का  साया
उम्र का सूरज भी ढलने को आया
तेरी माया का कोई भेद न पाया
समय निकल गया है गुबार में-

मोहन प्यारे तेरे द्वारे।
करता आज पुकार मैं-
दुनियाँँ झूँठी किस्मत रूठी और नइया मझधार में-
मोहन प्यारे तेरे द्वारे ।
करता आज पुकार मैं-
        
   गीतकार- वीरपाल- यादव
        
         

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