सोमवार, 29 अप्रैल 2024

ताप और उष्मा में अन्तर-

ऊष्मा और तापमान ये दोनों काफी भ्रमित करने वाले शब्द हैं। आमतौर पर हम इन दोनों शब्दों को अपने दैनिक जीवन में अपनी सुविधानुसार प्रयोग करते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये दोनों शब्द एक दूसरे से बहुत अलग हैं। इससे पहले कि मैं इन दोनों शब्दों के बीच अंतर को बताऊं, पहले ये देखते हैं कि आम प्रचलित धारणाएं क्या हैं।

सामान्यतः लोग ऊष्मा और तापमान शब्दों को कुछ इस तरह प्रयोग करते हैं -

  • ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है।
  • तापमान ऊष्मा का मापक है।
  • अगर कोई वस्तु ठंडी है तो उसका तापमान कम होगा। अगर वस्तु गर्म है तो उसका तापमान ज्यादा होगा।

दैनिक जीवन में प्रयोग किए जाने वाले ऐसे वाक्य एक हद तक ही सही हैं। परन्तु विज्ञान में हमें धारणाओं को एकदम सूक्ष्म रूप में सही सिद्ध करना होता है। अतएव ऊपर लिखी सारी बातें पूर्णरुपेण सही नहीं हैं।

आइए अब देखते हैं कि इन दोनों शब्दों में क्या अंतर है।

ऊष्मा - ऊष्मा एक तरीका है जिसके द्वारा आप ऊर्जा को एक जगह से दूसरे जगह तक स्थानांतरित कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप किसी ईंधन का प्रयोग करके किसी वस्तु को गर्म कर रहे हैं। गर्म करने से वस्तु का तापमान बढ़ जाता है। वास्तव में उस वस्तु की आंतरिक ऊर्जा बढ़ जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में आप ईंधन की रासायनिक ऊर्जा को उस वस्तु के अणुओं की गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित कर रहे हैं और ऊष्मा यहां एक माध्यम का कार्य करती है।

इस प्रकार यह स्पष्ट है कि ऊष्मा स्वयं में कोई ऊर्जा नहीं है बल्कि आप ऊष्मा के उपयोग से ऊर्जा को स्थानांतरित करते हैं।

तापमान - किसी भी वस्तु के अणुओं अथवा कणों जिससे वह बनी है उनकी कुल औसत गतिज ऊर्जा को ही उस वस्तु का तापमान कहते हैं।

इसका अर्थ है कि तापमान एक तरह से किसी वस्तु की आंतरिक ऊर्जा का मापक है ना कि ऊष्मा का।

 अगर किसी वस्तु का तापमान ज्यादा है तो हम कहते हैं कि उसके कणों की औसत गतिज ऊर्जा ज्यादा है। अगर किसी वस्तु का तापमान कम है तो हम कहते हैं कि उसके कणों की औसत गतिज ऊर्जा कम है।

वास्तव में जब भी आप किसी वस्तु को गर्म करते हैं तो आप ऊष्मा के माध्यम से उस वस्तु में ऊर्जा को स्थानांतरित करते हैं। अब चूंकि आप उस वस्तु को ऊर्जा दे रहे हैं इसलिए उस वस्तु के कण काफी तीव्रता से गति करने लगते हैं। यही कारण कि वस्तु के कणों की औसत गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। और यही कारण है कि वस्तु का तापमान भी बढ़ जाता है।


किसी वस्तु का ताप उसकी गर्माहट अथवा ठंडेपन की माप है अथवा अन्य शब्दों में किसी वस्तु का ताप वह भौतिक राशि है जिससे दो वस्तुओं को संपर्क में रखने पर उसमे ऊष्मा के प्रवाह की दिशा का ज्ञान होता है।



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