शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

घर घर की घटना अजब ,अजब बनी हालात

घर घर की घटना अजब ।
अजब बनी हालात ।

एक बार कोई महानुभाव ।
कोलेब में रहते गात ।

स्टार मेकर पर करते ।
 महिलाओं संग मुलाकात ।

सुना रहे थे पत्नी को 
अपने स्वरों की सौगात ।

पत्नी जरि कौयला भई ,
सुन पर तिरियन की बात ।

कोलर पकड़ रगड़ पति को 
धरि दीनी दो लात ।


और पूछती इतनी देर तक
कहाँ बिताते रात ।

कई दिनों से दूर दूर तुम ,
पका रहे ये खिचड़ी गुमसुम ।
आ ! मैं खबाऊँ तोय भात ।

कभी हम्हें नहीं बताया कुछ भी 
कहाँ कहाँ हो जात ।

इतनी बड़े दोखे में मुझको 
दिया बड़ा आघात ।

बैकाबू पत्नी हो आई 
'रोहि' बिगड़ गये हालात ।

पोल खुली बन कटपुटली 
पति करै निहोरे पात ।

पाँय पकड़ लीने पत्नी के 
फिर जोड़ रहा वह हाथ ।।


(यादव योगेश कुमार 'रोहि')

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