शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

नारायणी सेना के वीरों ने पंजाब में अर्जुन को परास्त कर दिया था ..

कारण एक सुभद्रा का हरण ।।
वह भी चुपके से न किया रण।।

 नारायणी सेना के यौद्धा शान्त 
कारण था  कृष्ण का संरक्षण ।

जब कृष्ण भी अर्जुन के साथ नहीं।।
तब अर्जुन की औकात नहीं ।।

सब असहाय बाल और स्त्रियाँ हैं
यादव स्त्रियों के नाथ नहीं ।

ले जा रहा सैकड़ों अबला जन को ,
ये निर्लज्ज बेहया दीठा है ।

जो लोभी लालची और कामी ,
यौवन उनको अति मीठा है।

अपने यदुकुल के सम्मान हेतु ।
जब गोपों ने हुंकार भरी ।

अर्जुन जान बचाकर भागा 
सब रह गयी वीरता धरी धरी ।।

फिर नारायणी सेना के वीरों ने ।
धो डाला लकुट अहीरों नें ।।

इन नारायणी सेना के गोपों ने ।
अर्जुन को दमकर पीटा था ।

पंजाब देश की सीमा से ,
ले जाकर दूर घसीटा था ।।

भागवत पुराण का लेख पढ़ो 
नारी सम्मान के लिए लड़ो ।।

सो८हं नृपेन्द्र रहित: पुरुषोत्तमेन 
सख्या प्रियेण सुहृदा हृदयेन 
शून्य: ।
अध्वन्युरूक्रम परिग्रहम् अंग रक्षन् ।।
गौपै: सद्भिरबलेव विनिर्जितो८स्मि।।
(भागवत पुराण 1/1/20)

परन्तु महाभारत कथा ।
जिसमें नहीं कुछ यथा यथा ।।

ततस्ते पापकर्माणो लोभोपहत चेतस।
आभीरा मन्त्रामासु समेत्याशुभ दर्शना।।

पर बात इस तरह होती तो 
सच और सम्यक् वर्णन होता ।

अहीर कभी बागी नहीं होते ।
दोखे से नहीं है समझौता ।।

यदा बहुसंख्यिका स्त्रिय: साकं अर्जुनेन गमयन्ती  पञ्चनद प्रदेशे ।

ततस्ते बहूत्कट भट कर्माणो ।
अपमानविक्षत चेतस ।।

आभीरा वीरा चिन्तयामासु समेत्य
भञ्जनो वर्जना।।

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       प्रस्तुति-करण:-  यादव योगेश कुमार 'रोहि'

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