गुरुवार, 22 मई 2025

संस्कारों से जो उच्चकुलीन है।

संस्कारों से जो उच्चकुलीन।
           धैर्यवान बड़े उदार लीन।।
 स्वभाव क्रूर सब रसों से हीन।
          धनिक होकर भी रहे दीन ।

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