★-"इतिहास के बिखरे हुए पन्ने"-★
शनिवार, 30 दिसंबर 2017
दु:शीलो८पि द्विज: पूजयेत् न शूद्रो विजितेन्द्रिय: क:परीतख्य दुष्टांगा दोहिष्यति शीलवतीं खरीम् पाराशर-स्मृति (१९२)
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