Lविषय सूची 
अध्याय-
१ - पूजा-अर्चना के विधि विधान एवं गलत कथाओं को      
      सुनने व कहने के दुष्परिणाम।
२- श्रीकृष्ण का स्वरूप एवं उनके गोलोक का वर्णन 
३- श्रीकृष्ण के अतिरिक्त और कोई दूसरा परमेश्वर या 
     परमशक्ति नहीं है।
४-  गोलोक में गोप- गोपियों सहित- नारायण,शिव , ब्रह्मा 
     आदि प्रमुख देवताओं की उत्पत्ति तथा सृष्टि का -
      विस्तार
५- वैष्णव वर्ण की उत्पत्ति तथा ब्रह्मा जी के चातुर्वर्ण्य और 
     वैष्णव वर्ण में अन्तर" 
६-  वैष्णव वर्ण के सदस्यों के प्रमुख कार्य एवं दायित्व 
७-  वैष्णव वर्ण " के गोपों की पौराणिक - प्रशंसा 
८-  भगवान श्री कृष्ण का सदैव गोप होना तथा गोपकुल में      
      उनका अवतरण 
९-  गोप, गोपाल, अहीर और यादव कैसे एक ही जाति,वंश         
      और कुल के सदस्य हैं।
१०-  गोपकुल के श्रीकृष्ण सहित कुछ महान पौराणिक 
        व्यक्तियों का परिचय - 
        भाग-(१) श्रीकृष्ण का वर्णन 
        भाग-(२) श्रीराधा का वर्णन 
        भाग-(३) पुरुरवा और उर्वशी का वर्णन 
        भाग-(४) आयुष, नहुष, और ययाति का वर्णन 
११-  यादव वंश का उदय एवं उसके प्रमुख सदस्यपति-    
        भाग- (१) महाराज यदु का परिचय 
        भाग- (२) हैहय वंशी यादवों का परिचय।
        भाग- (३) यदु पुत्र क्रोष्टा का वंश-अंधक और वृष्णी
१२-  यादवों का मौसल युद्ध तथा श्रीकृष्ण का गोलोक 
        गमन
       भाग- (१)- यादवों के सम्पूर्ण विनाश की वास्तविकता 
                       एवं श्रीकृष्ण को बहेलिए से मारे जाने का  
                       खण्डन।
       भाग- (२)- श्रीकृष्ण का गोलोक गमन
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