शनिवार, 29 मार्च 2025

इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम हैहुस्न ख़ुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए

नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सतः।
उभयोरपि दृष्टोऽन्तस्त्वनयोस्तत्त्वदर्शिभिः।।2.16।। गीता-

 
 असत् वस्तु का तो अस्तित्व नहीं है और सत् का कभी अभाव नहीं है। इस प्रकार इन दोनों का ही तत्त्व,  तत्त्वदर्शी ज्ञानी पुरुषों के द्वारा देखा गया है।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें