अघ् धातु = गत्याक्षेपण करना(भ्वादिः) |
{आत्मनेपदीय धातु रूप} |
लट्-(वर्तमानकाल) | |||
एकव• | द्विव• | बहुवच• | |
प्रपु० | अङ्घते | अङ्घेते | अङ्घन्ते |
मपु० | अङ्घसे | अङ्घेथे | अङ्घध्वे |
उपु० | अङ्घे | अङ्घावहे | अङ्घामहे |
लिट्(परोक्षअनद्यतनभूत) | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
प्रपु० | आनङ्घे | आनङ्घाते | आनङ्घिरे |
मपु० | आनङ्घिषे | आनङ्घाथे | आनङ्घिध्वे |
उपु० | आनङ्घे | आनङ्घिवहे | आनङ्घिमहे |
लुट्(अनद्यतन भविष्यत्) | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
प्रपु० | अङ्घिता | अङ्घितारौ | अङ्घितारः |
मपु० | अङ्घितासे | अङ्घितासाथे | अङ्घिताध्वे |
उपु० | अङ्घिताहे | अङ्घितास्वहे | अङ्घितास्महे |
लृट्(अद्यतन भविष्यत्) | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
प्रपु० | अङ्घिष्यते | अङ्घिष्येते | अङ्घिष्यन्ते |
मपु० | अङ्घिष्यसे | अङ्घिष्येथे | अङ्घिष्यध्वे |
उपु० | अङ्घिष्ये | अङ्घिष्यावहे | अङ्घिष्यामहे |
लोट्(आज्ञार्थ) | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
प्रथमपु | अङ्घताम् | अङ्घेताम् | अङ्घन्ताम् |
मध्यमपु | अङ्घस्व | अङ्घेथाम् | अङ्घध्वम् |
उत्तमपु | अङ्घै | अङ्घावहै | अङ्घामहै |
लङ्(अनद्यतन भूत) | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
प्रथमपु | आङ्घत | आङ्घेताम् | आङ्घन्त |
मध्यमपु | आङ्घथाः | आङ्घेथाम् | आङ्घध्वम् |
उत्तमपु | आङ्घे | आङ्घावहि | आङ्घामहि |
विधिलिङ् | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
प्रथमपु | अङ्घेत | अङ्घेयाताम् | अङ्घेरन् |
मध्यमपु | अङ्घेथाः | अङ्घेयाथाम् | अङ्घेध्वम् |
उत्तमपु | अङ्घेय | अङ्घेवहि | अङ्घेमहि |
आशीर्लिङ् | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
अङ्घिषीष्ट | अङ्घिषीयास्ताम् | अङ्घिषीरन् | |
अङ्घिषीष्ठाः | अङ्घिषीयास्थाम् | अङ्घिषीध्वम् | |
अङ्घिषीय | अङ्घिषीवहि | अङ्घिषीमहि |
लुङ्(अद्यतन भूत) | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
प्रपु | आङ्घिष्ट | आङ्घिषाताम् | आङ्घिषत |
मपु | आङ्घिष्ठाः | आङ्घिषाथाम् | आङ्घ्ध्वम् |
उप० | आङ्घिषि | आङ्घिष्वहि | आङ्घिष्महि |
लृङ्(भविष्यत्) | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
प्रपु | आङ्घिष्यत | आङ्घिष्येताम् | आङ्घिष्यन्त |
मपु | - | - | - |
उपु | आङ्घिष्ये | आङ्घिष्यावहि | आङ्घिष्यामहि |
जनी = प्रादुर्भावे(दिवादि०-) |
{आत्मनेपदीय धातु रूप} |
लट्(वर्तमान) | |||
एकव• | द्विव• | बहुव• | |
प्रपु• | जायते - | जायेते- | जायन्ते- |
मपु• | जायसे | जायेथे- | जायध्वे- |
उपु• | जाये- | जायावहे- | जायामहे- |
लिट्(परोक्ष) | |||
एकव | द्विव | बहुव | |
प्रपु• | जज्ञे- | जज्ञाते- | जज्ञिरे- |
मपु• | जज्ञिषे- | जज्ञाथे- | जज्ञिध्वे- |
उपु• | जज्ञे- | जज्ञिवहे- | जज्ञिमहे- |
लुट्(अनद्यतन भविष्यत् -काल) | |||
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रपु० | जनिता- | जनितारौ - | जनितार:- |
मपु | जनितासे- | जनितासाथे- | जनिताध्वे- |
उपु० | जनिताहे- | जनितास्वहे- | जनितास्महे- |
लृट्(अद्यतन भविष्यत्- काल) | |||
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रपु० | जनिष्यते | जनिष्येते | जनिष्यन्ते |
मपु० | जनिष्यसे | जनिष्येथे- | जनिष्यध्वे- |
उपु० | - | - | - |
लोट्(आज्ञार्थ) | |||
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रपु० | जायताम् | जायेताम् | जायन्ताम् |
मपु० | जायस्व- | जायेथाम् | जायध्वम् |
उपु० | जायै | जायावहै | जायामहै |
लङ्(अनद्यतन भूत) | |||
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रप० | अजायत् | अजायेताम् | अजायन्त- |
मपु० | अजायथाः | अजायेथाम् | अजायध्वम्- |
उपु० | अजाये | अजायावहि | अजायामहि |
विधिलिङ् लकार- | |||
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रपु० | जायेत | जायेयाताम् | जायेरन् |
मपु० | जायेथा: | जायेयाथाम्- | जायेध्वम्- |
उपु० | जायेय- | जायेवहि- | जायेमहि- |
आशीर्लिङ् | |||
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुषः | - | - | - |
मध्यमपुरुषः | - | - | - |
उत्तमपुरुषः | - | - | - |
लुङ्(अद्यतन भूत) | |||
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुषः | - | - | - |
मध्यमपुरुषः | - | - | - |
उत्तमपुरुषः | - | - | - |
लृङ्(भविष्यत्) | |||
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | |
प्रथमपुरुषः | - | - | - |
मध्यमपुरुषः | - | - | - |
उत्तमपुरुषः | - | - | - |
_______________________________
जन् (दिवादिगणीय )
आत्मनेपदीय रूप-
लट्(वर्तमान काल )
_________________________
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः जायते जायेते जायन्ते
मध्यमपुरुषः जायसे जायेथे जायध्वे
उत्तमपुरुषः जाये जायावहे जायामहे
लिट्(परोक्ष अद्यतन भूत काल )
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः जज्ञे जज्ञाते जज्ञिरे
मध्यमपुरुषः जज्ञिषे जज्ञाथे जज्ञिध्वे
उत्तमपुरुषः जज्ञे जज्ञिवहे जज्ञिमहे
लुट्(अनद्यतन भविष्यत् काल )
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः जनिता जनितारौ जनितारः
मध्यमपुरुषः जनितासे जनितासाथे जनिताध्वे
उत्तमपुरुषः जनिताहे जनितास्वहे जनितास्महे
लृट्(अद्यतन भविष्यत्)
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः जनिष्यते जनिष्येते जनिष्यन्ते
मध्यमपुरुषः जनिष्यसे जनिष्येथे जनिष्यध्वे
उत्तमपुरुषः जनिष्ये जनिष्यावहे जनिष्यामहे
लोट्(आज्ञार्थ)
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः जायताम् जायेताम् जायन्ताम्
मध्यमपुरुषः जायस्व जायेथाम् जायध्वम्
उत्तमपुरुषः जायै जायावहै जायामहै
लङ्(अनद्यतन भूत काल)
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः अजायत अजायेताम् अजायन्त
मध्यमपुरुषः अजायथाः अजायेथाम् अजायध्वम्
उत्तमपुरुषः अजाये अजायावहि अजायामहि
विधिलिङ् लकार-
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः जायेत जायेयाताम् जायेरन्
मध्यमपुरुषः जायेथाः जायेयाथाम् जायेध्वम्
उत्तमपुरुषः जायेय जायेवहि जायेमहि
आशीर्लिङ् लकार-
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः जनिषीष्ट जनिषीयास्ताम् जनिषीरन्
मध्यमपुरुषः जनिषीष्ठाः जनिषीयास्थाम् जनिषीध्वम्
उत्तमपुरुषः जनिषीय जनिषीवहि जनिषीमहि
लुङ्(अद्यतन भूत)
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः अजनि/अजनिष्ट अजनिषाताम् अजनिषत
मध्यमपुरुषः अजनिष्ठाः अजनिषाथाम् अजनिढ्वम्
उत्तमपुरुषः अजनिषि अजनिष्वहि अजनिष्महि
लृङ्(भविष्यत्)
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमपुरुषः अजनिष्यत अजनिष्येताम् अजनिष्यन्त
मध्यमपुरुषः अजनिष्यथाः अजनिष्येथाम् अजनिष्यध्वम्
उत्तमपुरुषः अजनिष्ये अजनिष्यावहि अजनिष्यामहि
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