पुरातन काल में दुर्गम नामक दैत्य हुआ।
हिन्दू पुराणों में एेसी कथाओं का सृजन किया गया ।
उसने भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न कर सभी वेदों को अपने वश में कर लिया जिससे देवताओं का बल क्षीण हो गया। तब दुर्गम ने देवताओं को हराकर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया। तब देवताओं को देवी भगवती का स्मरण हुआ। देवताओं ने शुंभ-निशुंभ, मधु-कैटभ तथा चण्ड-मुण्ड का वध करने वाली शक्ति का आह्वान किया। देवताओं के आह्वान पर देवी प्रकट हुईं।
उन्होंने देवताओं से उन्हें बुलाने का कारण पूछा। सभी देवताओं ने एक स्वर में बताया कि दुर्गम नामक दैत्य ने सभी वेद तथा स्वर्ग पर अपना अधिकार कर लिया है तथा हमें अनेक यातनाएं दी हैं। आप उसका वध कर दीजिए। देवताओं की बात सुनकर देवी ने उन्हें दुर्गम का वध करने का आश्वासन दिया। यह बात जब दैत्यों का राजा दुर्गम को पता चली तो उसने देवताओं पर पुन: आक्रमण कर दिया। तब माता भगवती ने देवताओं की रक्षा की तथा दुर्गम की सेना का संहार कर दिया। सेना का संहार होते देख दुर्गम स्वयं युद्ध करने आया। तब माता भगवती ने काली, तारा, छिन्नमस्ता, श्रीविद्या, भुवनेश्वरी, भैरवी, बगला आदि कई सहायक शक्तियों का आह्वान कर उन्हें भी युद्ध करने के लिए प्रेरित किया। भयंकर युद्ध में भगवती ने दुर्गम का वध कर दिया। दुर्गम नामक दैत्य का वध करने के कारण भी भगवती का नाम दुर्गा के नाम से भी विख्यात हुआ।
वस्तुत: ये कथाऐं काल्पनिक उड़ाने मात्र हैं ।
परन्तु इनका आधार सुमेरियन तथा असीरियन एवं बैवीलॉनियन पुरातन कथाओं में वर्णित द्रुयूएगा (Druaga) है । क्योंकि स्त्री (easter ) मृड तथा मृडीक विष्णु ( विएशन)आदि शब्द भी सुमेरियन मूल के है !
Druaga :- (ドルアーガ Doruāga) is the demon that resides in the Tower of Druaga. He is portrayed as a huge, green monster with eight arms, four legs, and yellow eyes. He will eventually be defeated by Gil. He has hidden the Blue Crystal Rod and kidnapped Ki in order to lure Ishtar's greatest instruments of good into his trap so he can dispose of them forever, and lay claim to the world. In order for Druaga's plan to succeed, Gil must die. Should Gil survive the climb through all 60 monster ridden floors of the tower, he must face Druaga himself. Without the proper equipment and enhancements, Gil will be no match for Druaga's brutal destructive strength. Druaga was a Babylonian and Sumerian deity.
अर्थात् द्रुएगा भी एक दैत्य है जो दुर्ग( टावर ऑफ दुर्गा ) पर आवास करता है । जिसका मूर्ति भी विशाल तथा भयानक आकृति में प्राप्त हुईं है ।
यह अष्टम् भुजा धारी है. तथा इसका आँखें पाली तथा लाल हैं । यह पाताल का अधिष्ठात्री देव है ।
वेदों में मृडीक अथवा मृड शब्द शिव का वाचक है
मृड =( मृड-क )। १ शिवे अमरः २ तत्पम्त्याम् स्त्री ङीष् आनुक् च मृडानी
मेलॉक हिब्रू बाइबिल में वर्णित है
मंगलवार, 31 अक्टूबर 2017
दुर्गा कौन और कहाँ से आयी ? जाने एक यथार्थ
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