घटं भिन्द्यात्पटं छिन्द्यात्कुर्याद्रासभरोहणम्।
येन केन प्रकारेण प्रसिद्धः पुरुषो भवेत्॥१।
(शार्ङ्गधरपद्धति)
घड़ा फोड़ डाले, कपड़ा फाड़ डाले, गदहे पर सवारी करे, जिस मार्ग से संभव हैं उस मार्ग से मनुष्य प्रसिद्ध बन जाये।
यह सुभाषित व्यंग्यपूर्ण तरीके से स्पष्ट करता हैं कि प्रसिद्धि के भुखे लोग प्रसिद्धि के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें