ये हुश़्न भी "कोई "
ख़ूबसूरत ब़ला है !
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बड़े बड़े आलिमों को इसने छला है !!
इसके आगे ज़ोर किसी चलता नहीं
ना इससे पहले चला है !
ये आँधी है , तूफान है ये हर ब़ला है
परछाँयियों का खेल ये
सदीयों का सिलस़िला है !
आश़िकों को जलाने के लिए
इसकी एक च़िगारी काफी है ,
जलाकर राख कर देना ।
फिर इसमें ना माफी है ।
सबको जलाया है इसने ये बड़ा ज़लज़ला है !!
इश्क है दुनियाँ की लीला, तो हुश़्न उसकी कला है ।।
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ये अ़दाऐं बिजलीयाँ हैं , इन हुश़्न वालों की-💥
सौन्दर्य वेत्ता भी तारीफ़ करते हैं इनके बालों की ,
झटका इतना जबरद़स्त कि रोहि !
किसी की ज़िन्दगी का हर पुर्जा हिला है !
लुटाकर चले सब कुछ खाली हाथ ,
कर्म का लेखा - जोखा मिला है .
समझा दो मन को .नज़रों से कह दो
अरे ! हुश़्न के नजारों से ना किसी का भला है !
ये रोहि की ग़ुजारिश है तुमसे नौंजवानो .
मन को निगरानी में लो और खुद़ को जानो !
यह मेरी आख़िरी सलाह है !
और यही इत्तला है ।
मौहब्बत खूब सूरत दोखा ।
हुश़्न एक अनोखी बल़ा है ।।
आमीन !!!आपका शुभ चिन्तक यादव योगेश कुमार "रोहि" ~~
इस शुभ उद् गार को सभी अाश़िकों मे प्रेषित कर दो -----📡.....
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