ये हुश़्न भी "कोई "
            ख़ूबसूरत ब़ला है ! 
_______________________________
बड़े बड़े आलिमों  को  इसने छला है !!
इसके आगे ज़ोर किसी चलता नहीं 
ना  इससे पहले चला है !
ये आँधी है , तूफान है ये हर ब़ला है
परछाँयियों का खेल ये 
सदीयों  का सिलस़िला है !
आश़िकों को जलाने के लिए 
     इसकी एक च़िगारी काफी है ,
जलाकर राख कर देना ।
      फिर  इसमें ना माफी है ।
सबको जलाया है इसने ये बड़ा ज़लज़ला है !!
इश्क है दुनियाँ की लीला, तो हुश़्न उसकी कला है ।।
________________________________________
ये अ़दाऐं बिजलीयाँ हैं , इन हुश़्न वालों की-💥
सौन्दर्य वेत्ता भी तारीफ़ करते हैं इनके बालों की ,
झटका इतना जबरद़स्त कि रोहि !
किसी की ज़िन्दगी का हर पुर्जा हिला है ! 
लुटाकर चले सब कुछ खाली हाथ ,
कर्म का लेखा - जोखा मिला है .
समझा दो मन को .नज़रों से कह दो 
अरे ! हुश़्न के नजारों से ना किसी का भला है !
ये रोहि की ग़ुजारिश है तुमसे नौंजवानो .
मन को निगरानी में लो और खुद़ को जानो !
यह मेरी  आख़िरी सलाह है !
  और यही इत्तला है ।
मौहब्बत खूब सूरत दोखा ।
  हुश़्न एक अनोखी बल़ा है ।।
आमीन !!!आपका शुभ चिन्तक यादव योगेश कुमार "रोहि" ~~
इस शुभ उद् गार को  सभी अाश़िकों मे प्रेषित कर दो -----📡.....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें