मैने पिछली पोस्ट पर रामजी के सामने ही लक्ष्मण द्वारा अयोमुखी के स्तन काटने की बात क्या लिख दी, कई लोग बिलबिला गये।
एक महानुभाव है K Anil Kushwah जी, ये मेरे स्क्रीनशॉट लगाकर मेरी ट्रोलिंग करवा रहे हैं, तथा कह रहे हैं कि मेरे पास अयोमुखी प्रकरण का कोई प्रमाण नही है, अतः मुझे माफी मांगना चाहिये। (चित्र-1-2)
सबसे पहले तो मै इन्हे बताना चाहूँगा कि आज तक मैने ऐसा कोई पोस्ट नही किया जिसका मेरे पास प्रमाण न हो!
अयोमुखी के बारे मे मैने जो भी लिखा वह वाल्मीकि रामायण का ही हिस्सा है!
वाल्मीकि रामायण अरण्यकाण्ड सर्ग-69 श्लोक-17 मे लिखा है कि जब राम और लक्ष्मण सीता की तलाश करते हुये वन मे भटक रहे थे, तब अयोमुखी नाम की एक राक्षसी ने लक्ष्मण के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा! जिससे लक्ष्मण को बड़ा क्रोध आया और उन्होने उसके नाक/कान तथा स्तन भी काट डाले!
यह सब रामजी के सामने ही हुआ, और उन्होने भी लक्ष्मण को ऐसा कृत्य करने से मना नही किया। (चित्र-3-4)
सवाल यह है कि क्या किसी से विवाह कि याचना करना अपराध है?
किसी स्त्री या पुरुष को किसी दूसरी स्त्री या पुरुष से प्रणय निवेदन करने का अधिकार तो है ही। अयोमुखी ने भी प्रणय निवेदन किया, यदि लक्ष्मण को पसन्द नही आया तो वे मना कर देते। पर न तो लक्ष्मण ने मना किया और न ही अयोमुखी ने बार-बार जिद की। बस जैसे ही अयोमुखी ने लक्ष्मणों को बाहों मे पकड़ा, लक्ष्मण ने उसके स्तन तक काट डाले...
कुशवाह साहब! अब लो.. मैने सचित्र प्रमाण दे दिया है, अब आप किसी नजदीकी गड्ढे मे अपनी नाक रगड़ लो...
इसी पोस्ट के कमेन्ट-बाक्स मे एक अन्य महापुरुष (राज स्वर्णकार) सूर्पणखा के बारे मे मुझसे बड़ी असभ्यता से पूँछ रहे थे कि "सूर्पणखा राम के पास गयी ही क्यो?" (चित्र-5)
अब इस बारे मे सचमुच कई लोग नही जानते कि वास्तव मे सूर्पणखा रामजी की कुटिया के पास क्यों गयी थी?
इसके पीछे भी एक कहानी है! सूर्पणखा का पति कालकेय जाति का "विधुजिह्वा" था, जिसे एक युद्ध मे रावण ने ही मार दिया था! विधुजिह्वा और सूर्पणखा का एक पुत्र था "श्याम"
श्याम उसी जंगल मे तप कर रहा था, जहाँ रामजी अपनी कुटिया बनाकर रहते थे। एक दिन जब लक्ष्मण वन मे लकड़ी काटने गये तो उन्होने श्याम को वहाँ तप करते देखा! लक्ष्मण ने सोचा कि यदि यह राक्षस तप करके शक्ति-प्राप्त कर लेगा तो हमें ही संकट मे डाल देगा! यही सोचकर उन्होने वही श्याम का वध कर दिया....
जब सूर्पणखा को यह बात पता चली कि किसी ने उसके बेटे को मार डाला है, और वे लोग पास मे ही कुटिया बनाकर रहते हैं!
फिर क्या था... पुत्र का बदला लेने के लिये गुस्से मे पागल होकर सूर्पणखा राम की कुटिया के पास आ गयी!
फिर निश्चित ही वहाँ बहस भी हुई होगी, और अपने पुत्र की हत्या के बदले मे सूर्पणखा ने राम/लक्ष्मण के सामने खुद से विवाह करने का प्रस्ताव रखा होगा। जिसके परिणाम मे यह सब ड्रामा हुआ...
भाई राज स्वर्णकार जी! मेरी पोस्ट पर अभद्रता से सवाल करने से अच्छा होता कि आप खुद 'वायुपुराण' पढ़ लेते तो आपको पता चल जाता कि सूर्पणखा रामजी के पास क्या करने गयी थी!
वह रामजी की कुटिया मे पिकनिक मनाने नही आयी थी, बल्कि अपने पुत्र की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिये वहाँ गयी थी।
इतनी मूर्खता भरी बातें लाते कहाँ से हैं? शूर्पणखा के पुत्र श्याम के विषय में कहीं कोई वर्णन वाल्मीकि रामायण में नहीं मिलता। रामायण में साफ़ लिखा है कि वो प्रणय याचना लेकर श्रीराम के पास गयी और माता सीता पर आक्रमण करते समय लक्ष्मण ने उसके नाक-कान काट दिए। आपके परिवार की किसी स्त्री पर कोई आक्रमण करेगा तो आप क्या हाथ जोड़े खड़े रहेंगे? रही बात अयोमुखी की तो उसने तो प्रणय निवेदन भी नहीं किया। उसने बलात लक्ष्मण को अपनी भुजाओं में कस लिया और उनके साथ रमण करने को उद्धत हुई। इसीलिए उसे इसका दंड भोगना पड़ा। शूर्पणखा और अयोमुखी कोई स्त्री नहीं बल्कि राक्षसियाँ थी जैसी ताड़का थी। राक्षसियों के साथ क्या आम स्त्रियों सा व्यव्हार करेंगे? आपको अपने धर्म से कोई लगाव नहीं तो कोई बात नहीं, पर बिना मतलब के अतर्किक बात मत किया कीजिये।
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