सोमवार, 22 जुलाई 2024

तू उसी परमेश्वर की शरण में जा- गीता ज्ञान-




 तमेव शरणं गच्छ सर्वभावेन भारत!  तत्प्रसादात्परां शान्तिं स्थानं प्राप्स्यसि शाश्वतम्।। {18/62}

।।18.62। हे भरतवंशोद्भव अर्जुन ! तू सर्वभावसे उस ईश्वरकी ही शरणमें चला जा। उसकी कृपासे तू परमशान्ति-(संसारसे सर्वथा उपरति-) को और अविनाशी परमपदको प्राप्त हो जायगा।

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