हरिहरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
'हरि बोल 'हरि बोल .....
ओ--- रे मुसाफिर तेरा बड़ी दूर घर ..
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
_____________________________
जब तक है पास कुछ भी तेरे पैसा ---
पराये भी पूछ लेंगे हाल है कैसा ...
लव, तलब ,मतलब , जगत की हलचल
दुनियाँ की दस्तूर है ये हमेशा ...
हालातें सब सिखाती ---इनसे सीख ये लो ।
दुनियाँ एक भिखारी ---इससे भीख न लो --
खुद ही यतन कर , काबू मन पर
मन की ही है सारी असर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
ओ--- रे मुसाफिर तेरा बड़ी दूर घर ..
'न दीन है मुहाफिज ,जुल्म काबिज ।
हालत जहालत की , कौन पाक़िज ।।
बेफर्ज हैं यहांँ वारिस, हकों हुकूमत ...
शख्सियत हैं हालातें की नाफ़िज ।
एहशासों का मरक़ज ----ज्ञान का बीज है ।
सरहद नहीं है जिसकी ----ज्ञान वो चीज़ है ।
तन्हा मनन कर , फिर उस को तनकर ।
पहन उशूलों की चादर ---
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
अलापों में आह , ग़म की सरग़म ।
सोज़ों के साज पर --सुनते हम ..
बेखुदी में खोए होके बेदम ।
डूबी कश्तीयाँ जहाँ पानी कम ।
खयालों का झोका --- रज़ा की रवानी है ये ।
सपनों के जैसी ----- बस जिन्द़गानी है ये ।
रुशवाई के दर , मायूसी आकर ।
खबरा- हटों का कहर !
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
ओ--- रे मुसाफिर तेरा बड़ी दूर घर ..
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
'हरि बोल 'हरि बोल .....
ओ--- रे मुसाफिर तेरा बड़ी दूर घर ..
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
_____________________________
जब तक है पास कुछ भी तेरे पैसा ---
पराये भी पूछ लेंगे हाल है कैसा ...
लव, तलब ,मतलब , जगत की हलचल
दुनियाँ की दस्तूर है ये हमेशा ...
हालातें सब सिखाती ---इनसे सीख ये लो ।
दुनियाँ एक भिखारी ---इससे भीख न लो --
खुद ही यतन कर , काबू मन पर
मन की ही है सारी असर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
ओ--- रे मुसाफिर तेरा बड़ी दूर घर ..
'न दीन है मुहाफिज ,जुल्म काबिज ।
हालत जहालत की , कौन पाक़िज ।।
बेफर्ज हैं यहांँ वारिस, हकों हुकूमत ...
शख्सियत हैं हालातें की नाफ़िज ।
एहशासों का मरक़ज ----ज्ञान का बीज है ।
सरहद नहीं है जिसकी ----ज्ञान वो चीज़ है ।
तन्हा मनन कर , फिर उस को तनकर ।
पहन उशूलों की चादर ---
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
अलापों में आह , ग़म की सरग़म ।
सोज़ों के साज पर --सुनते हम ..
बेखुदी में खोए होके बेदम ।
डूबी कश्तीयाँ जहाँ पानी कम ।
खयालों का झोका --- रज़ा की रवानी है ये ।
सपनों के जैसी ----- बस जिन्द़गानी है ये ।
रुशवाई के दर , मायूसी आकर ।
खबरा- हटों का कहर !
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
ओ--- रे मुसाफिर तेरा बड़ी दूर घर ..
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
हरि का भजन कर , मत चल तनकर ।
जीवन का है लम्बा सफर ...
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