हिन्दुत्व के नाम पर अनेक व्यभिचारपूर्ण और पाखण्ड पूर्ण क्रियाऐं धर्म के रूप में व्याप्त हैं ।
केवल हरिवंशपुराण को छोड़ कर सभी पुराणों में कृष्ण को पाखण्डी ब्राह्मणों ने कामी ,व्यभिचारी ,और रासलीला का नायक बनाकर यादवों की गरिमा को षड्यन्त्र पूर्वक घूमिल करने की असफल चेष्टा की है ।
इस लिए जो वास्तविक अर्थों में यादव या अहीर हैं।
उन्हें हिन्दुत्व के नाम पर सभी विकृतिपूर्ण धर्म क्रियाओं को त्याग कर केवल और "श्रीमद्भगवद् गीता के विचारों का अनुगमन कर कार्ष्ण धर्म के रूप में भगवद्गीता सम्बन्धी श्रीमद्भभागवद् गीता धर्म स्वीकार करना चाहिए !
और श्रीमद्भगवद् गीता को अपना धर्म ग्रन्थ स्वीकार कर अपने घर में रखना भी लेना चाहिए ।
यादव योगेश कुमार 'रोहि'
वी० कुमार यादव की प्रेरणाओं से ओत-प्रोत ---
(यादव जाग्रति विचार अभियान )
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In the name of Hindutva, many adulterous and hypocritical activities are rife in the form of religion.
Except Harivanshpuran, all the Puranas have tried to make Krishna a progenitor of the dignity of the Yadavas by making the heroes of Kami, the adulteress, and Ras Leela, the Pskadi Brahmins. Hence
Which are in the real sense of either Yadav or Ahir.
In the name of Hindutva, they should accept all the perverse religious actions and follow the thoughts of Shri Bhagwad Gita and accept the Bhagavadgita relation, the Bhagavadwad Geeta Dharma, in the form of Carbon religion!
And Sri Bhagavad Gita should accept the scriptures of their religion.
Yadav Yogesh Kumar 'Rohi'
V. Kumar Yadav's inspiration with the Occupied (pervaded)
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Yadav Awakening Campaign
गुरुवार, 22 मार्च 2018
श्री मद् भगवद्गीता भागवद् धर्म के रूप में यादव धर्म ---
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