सवाल यह है कि क्या किसी से विवाह कि याचना करना अपराध है?
किसी स्त्री या पुरुष को किसी दूसरी स्त्री या पुरुष से प्रणय निवेदन करने का अधिकार तो है ही।
अयोमुखी ने भी प्रणय निवेदन किया, यदि लक्ष्मण को पसन्द नही आया तो वे मना कर देते।
पर न तो लक्ष्मण ने मना किया और न ही अयोमुखी ने बार-बार जिद की।
बस जैसे ही अयोमुखी ने लक्ष्मणों को गले लगाना चाहा तो लक्ष्मण ने उसके स्तन तक काट डाले...
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सूर्पणखा का पति कालकेय जाति का "विधुजिह्वा" था, जिसे एक युद्ध मे रावण ने ही मार दिया था! विधुजिह्वा और सूर्पणखा का एक पुत्र था "श्याम"
श्याम उसी जंगल मे तप कर रहा था, जहाँ राम अपनी कुटिया बनाकर रहते थे।
एक दिन जब लक्ष्मण वन मे लकड़ी काटने गये तो उन्होने श्याम को वहाँ तप करते देखा!
लक्ष्मण ने सोचा कि यदि यह राक्षस तप करके शक्ति-प्राप्त कर लेगा तो हमें ही संकट मे डाल देगा!
यही सोचकर उन्होने वही श्याम का वध कर दिया....
जब सूर्पणखा को यह बात पता चली कि किसी ने उसके बेटे को मार डाला है, और वे लोग पास में ही कुटिया बनाकर रहते हैं।
फिर क्या था... पुत्र का बदला लेने के लिये गुस्से मे पागल होकर सूर्पणखा राम की कुटिया के पास आ गयी
फिर निश्चित ही वहाँ बहस भी हुई होगी,
और अपने पुत्र की हत्या के बदले मे सूर्पणखा ने राम/लक्ष्मण के सामने खुद से विवाह करने का प्रस्ताव रखा होगा।
सूपर्णनखा का नाम सूपर्णनखा नहीं अपितु दीक्षा था इस रावण की बहन का नाम और. स्वरूप (चेहरा ) दोनों को इतिहास के विजेताओं ने बिगाड़ दिया !
क्या आपको किसी लड़की ने प्रेम का निवेदन किया है. लड़की प्रेम का निवेदन नही करती ना कभी इतिहास में किया है.
दुनिया में भारत ही एक मात्र देश है ।
जहां मिथ्या पूर्व दुराग्रहों से प्रेरित होकर इतिहास लिखा गया है।
स्त्री पुरुष से प्रेम का निवेदन करती है और पुरुष के इंकार करने पर स्त्री पुरुष पर हमला कर देती है.
एेसा होना विरल व्यवहार की शैली है ।
प्रकृति में भी प्राय: यही देखा जाता है कि नर किसी माद का अनुगमन काम भाव से प्रेरित होकर करता है ।
जवाब में पुरुष स्त्री की नाक काट देता है !
बलात्कार भी पुरुषों द्वारा देखा और सुना जाता है
स्त्रीयों द्वारा नहीं परन्तु अपवाद तो सर्वत्र ही होते हैं ।
रामायण की यह तथा विश्वसनीया नहीं हो सकती है ।
कि सूपर्णनखा ने राम से विवाह करना चाहा ।
अथवा प्रेम करना चाहा ।
असल में पुरुष ने स्त्री से प्रेम का निवेदन किया.
स्त्री के इंकार करने पर पुरुष ने बदले की भावना में स्त्री की नाक काट कर चेहरा बिगाड़ दिया, ताकि वह किसी और की ना हो सके !
महिलाओं के प्रति -जो यौन हिंसा और अत्याचार है 'वह इनी धार्मिक ग्रन्थों में वर्णित आख्यानकों का ध्वन्सावशेष है ।