ओ -----आलाप ...
भगवन् तेरे ओ~~~~~~
भगवन् तेरे दर्शन में मन रम गया।
तूने कृपा करदी तो सब ग़म गया।
भगवन् तेरे दर्शन में मन रम गया।
तूने कृपा करदी तो सब ग़म गया।
सब ग़म गया मन रम गया तेरी कृपा भगवन् ~~~
भगवन् तेरे दर्शन में मन रम गया।
तूने कृपा करदी तो सब ग़म गया।
'हरि बोल ....
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जीवन को सम्बल मिला, मन को अनौखा बल मिला ~~
वक्त की तन्हा राह पर , बन के मुसाफिर 'मैं चला ...
जीवन को सम्बल मिला, मन को अनौखा बल मिला ~~
वक्त की तन्हा राह पर , बन के मुसाफिर 'मैं चला ...
मेरे प्रभू तेरा बजूह ..
समाया है यों ..फूलों में खुशबू !
सब ग़म गया मन रम गया तेरी कृपा भगवन् ~~~
भगवन् तेरे दर्शन में मन रम गया।
तूने कृपा करदी तो सब ग़म गया।
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नया पल नया कल नयीं रात है ।
बदला है मन, और एक जज्बात है ।
तेरी शरण जिसने लेली हे प्रभू ...
कभी नहीं बिगड़ती उसकी बात है
सब ग़म गया मन रम गया तेरी कृपा भगवन् !
'हरि बोल ...
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मधुर-मधुर भक्ति मिली ,
भजनों की सौगात है ।
मन की मलिनता धुल गयी ।
जब भक्तों की संगात है ।
मधुर-मधुर भक्ति मिली ,
भजनों की सौगात है ।
मन की मलिनता धुल गयी ।
जब भक्तों की संगात है ।
मेरे प्रभू बस तू ही तू तुझसे आरजू 'मैं तुझको भजूँ ।
सब ग़म गया मन रम गया तेरी कृपा भगवन् !
भगवन् तेरे दर्शन में मन रम गया।
तूने कृपा करदी तो सब ग़म गया।
भगवन् तेरे दर्शन में मन रम गया।
तूने कृपा करदी तो सब ग़म गया।
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गीत व स्वर यादव योगेश कुमार'रोहि'
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