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•ये जीवन समय के पथ पर .
         बैठा शरीर के  रथ पर !
चला जा रहा है कोई 
  प्रारब्ध के लब्ध हैं नक्से !
कर्म किसी को न बख़्शे ?
मन के ये अजीब ये सपने .
चिन्हित प्रारब्ध शपथ पर !
ये जीवन समय के पथ पर 
         बैठा शरीर के रथ पर 
〰〰〰〰〰〰〰
संकल्प से इच्छा जागृत
      इच्छा से कर्म सञ्चय है
कर्म- मर्म संसृति का 
   कर्म का फल अक्षय है 
कर्म से प्रकट यह जीवन .
    भोगने पर कर्म का क्षय है !!
अब तक जो कर्म किए नित 
    हर कर्म- का फल भी तय है ।
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      अंकुरण होता है वख़्त पर!
             हर जीवन एक श़जर है !
ये जीवन समय के पथ पर.
     बैठा शरीर के रथ पर ।
कर्म में आसक्ति मत कर !
संगत ज्ञान की ज़रा पकर !
इच्छाओं के अथाह सागर ! 
डूब जाते यहाँ पर घबराकर  !!
इन प्रवृत्तियों को नथ कर ..
वेग को  रोकें जो मथ कर 
 पहँच पाते वे  तट पर !!
   ये जीवन समय -पथ पर !
   बैठा शरीर के रथ पर !!
 चला जा रहा है  रोहि.
प्रारब्ध के लब्ध हैं नक्से !!
 कर्म किसी को न बख़्शे 
    मन के ये अजीब सपने !!
चिन्हित प्रारब्ध शपथ पर !!
ये जीवन समय के पथ पर.
      बैठा शरीर के रथ पर !!
       🌸🌸🌸🌸🌸
उद्गार---- यादव योगेश कुमार रोहि 
     ग्राम आजादपुर पत्रालय पहाड़ीपुर  अलीगढ़ ..../
   8077160219
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