★-"इतिहास के बिखरे हुए पन्ने"-★

रविवार, 15 जनवरी 2023

लव- और प्रेम -

यह पाश्चात्य संस्कृति का वासना मयी प्रदूषण है यहाँ प्रेम भी वस्तुतत: - लोभ व वासना का अभिव्ञ्जक हो गया है। सम्भवत: सौन्दर्य की अन्तिम परिणति यही है। सौन्दर्य आवश्यक मूलक दृष्टिकोण है जो वस्तु हमारे लिए जितनी आवश्यक है वह उतने ही आनुपातिक रूप में हमारे लिए सुन्दर भी है।
वास्तव में भारोपीय भाषा परिवार का लव. (Love) शब्द संस्कृत भाषा में (लुभः)अथवा (लोभः)लुभ--आकाङ्क्षायां भावे "घञ्" प्रत्यय) तथा लुब्ध(लुभ्-क्त प्रत्यय) का ही एक  रूपान्तरण है और यह इस रूप में प्रस्तावित भी है। 
रोम की सांस्कृतिक भाषा लैटिन में लिबेट (Libet) तथा लुबेट (Lubet)  इन दो  रूपो में संस्कृत का लोभ- लुब्ध शब्द ही प्रतिभासित  है। जिसका संस्कृत में लुब्ध ( लुभ् + क्त )
भूतकालिक  कर्मणि कृदन्त रूप से व्युत्पन्न होता है । संस्कृत भाषा में लुभः / लोभः का अभिधा मूलक अर्थ है। काम की तीव्रता अथवा वासना की उत्तेजना।
वस्तुतः लोभः में प्रत्यक्ष तो लाभ तो दिखाई देता है परन्तु परोक्षतः व्याज सहित हानि है
अंग्रेजी भाषा में यह शब्द Love लव शब्द के रूप और अर्थ में रूढ़  है।
तथा जर्मन भाषा में लीव (Lieve) है
ऐंग्लो -सैक्शन अथवा पुरानी अंग्रेजी में (Lufu) लूफु के रूप में है
यह तो सर्व विदित है कि यूरोपीय संस्कृति में वासना का उन्मुक्त ताण्डव है। जबकि भारतीय संस्कृति आध्यात्म मूलक है। जिसमें वासना की उन्मुक्त उदण्डता का कोई स्थान नहीं है। यद्यपि लोभ और प्रेम हैं तो एक ही परिवार के परन्तु जो भेद ज्योति और ज्वाला में चिन्तन और चिन्ता में प्रकाश और चमक में अथवा स्वच्छता और पवित्रता में सूक्ष्म रूप से है वही अन्तर -भेद प्रेम और लोभ में हो गया है । जब प्रेम निः स्वार्थ रूप से आत्म समर्पण का भाव है  तब इसका नाम भक्ति है। परन्तु समर्पण में भी सूक्ष्म आत्मकल्याण का स्वार्थ है। यह सात्विक स्वार्थ है ।और यही प्रेम जब केवल अपनी तुष्टि के निमित्त ही किसी दूसरे के प्रति हो तब यह लोभ अथवा वासना नाम से जाना जाता है। अत: लव  प्रेम शब्द का स्थान नहीं ले सकता ।

- मूल भारोपीय शब्द -

 "मूलशब्द" 

*lewbʰ-

  1. इच्छा करना , लोभ करना , चाहना (कोई या कुछ)
  2. प्रशंसा करना , प्रशंसा करना
  3. प्यार करना

 "व्युत्पन्न शब्द- 

 प्रोटो-इंडो-यूरोपियन रूट *lewbʰ- (प्रेम) से व्युत्पन्न शर्तें
  • *लुब-ये-ती ( तु-वर्तमान )
    • प्रोटो-अल्बानियाई: *लुपी-
      • अल्बानियाई: lyp
    • प्रोटो-इंडो-ईरानी: *लुब्याति
      • प्रोटो-इंडो-आर्यन: *लुब्याति
        • संस्कृत: लुभ्यति ( लुभ्यति , " इच्छा करना, भ्रमित होना " )
  • *lowbʰ-éye-ti ( प्रेरक )
    • प्रोटो-अल्बानियाई: *लौबित्जा
      • अल्बानियाई: लुबी
    • प्रोटो-बाल्टो-स्लाविक: *लजौबीती
      • प्रोटो-स्लाव: *लुबिती ( " प्यार करना " ) ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
    • प्रोटो-इंडो-ईरानी: *lawbʰáyati
      • प्रोटो-इंडो-आर्यन: *लवबयाति
        • संस्कृत: लोभयति ( लोभयति , " पागल बनाना " )
  • *lubʰ-एह₁-(तु)-ती ( स्थिर )
    • प्रोटो-इटैलिक: *luβēō ( " इच्छा के लिए " )
      • लैटिन: लिबेट / ल्यूबेट
  • *lewbʰ-os
    • प्रोटो-बाल्टो-स्लाविक: *लाजुबास
      • प्रोटो-स्लाव: * ľubъ ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
    • प्रोटो-जर्मनिक: * लेउबाज़ ( " प्रिय, प्रिय " ) ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
  • *एल(ई)उब-एह₂
    • प्रोटो-जर्मनिक: *लुबो ( " प्यार " ) , *लेउबो ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
  • *लब-ओम
    • प्रोटो-जर्मनिक: * लुबा ( " प्रशंसा " ) ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
      • ⇒ प्रोटो-जर्मनिक: * लुबोना ( " प्रशंसा करने के लिए " ) ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
  • *लब-टू-एस
    • प्रोटो-इंडो-ईरानी:
      • प्रोटो-इंडो-आर्यन:
        • संस्कृत: लुब्ध ( लुब्धा ) ( आगे के वंशजों के लिए देखें )
  • अवर्गीकृत गठन:
    • प्रोटो-बाल्टो-स्लाविक:
      • लिथुआनियाई: liaupė ( " प्रशंसा " )
    • प्रोटो-बाल्टो-स्लाविक: *लजुबू
      • प्रोटो-स्लाव: * ľubỳ ( " प्यार " , संज्ञा ) ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
    • प्रोटो-इटैलिक: *louβ-
      • ऑस्कैन : लौफिर
    • संस्कृत: लोभ ( लोभा )
      • → हिंदी: लोभ ( लोभ ) ( सीखा )
      • → बंगाली: লোভ ( लोभ ) (" अभिमान ")

जड़संपादन करना

*lewbʰ-

  1. काटने के लिए

व्युत्पन्न शब्दसंपादन करना

 प्रोटो-इंडो-यूरोपियन रूट *lewbʰ- (कट ऑफ) से प्राप्त शर्तें
  • *लोब'-ओम
    • प्रोटो-जर्मनिक: * लाउबा ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
  • लब-रो-एस
    • प्रोटो-इटैलिक: *luβros ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
  • अवर्गीकृत गठन:
    • प्रोटो-स्लाविक: *lubъ ( आगे के वंशजों के लिए वहां देखें )
    • लिथुआनियाई: Lùpti ( " छीलने के लिए, खोल " )
    • प्राचीन यूनानी: λυπή ( लुपḗ , " दर्द " )
It is the hypothetical source of evidence for its words existence is provided by:
1- Sanskrit lubhyati "desires," lobhaya- "to make crazy;" 
2-Persian ahiftan "to be tangled, be hit down, be in love;" 
3-Latin lubet, later libet "pleases," libido, lubido "desire, longing; sensual passion, lust;
4-" Old Church Slavonic l'ubu "dear, beloved," ljubiti, 
5-Russian ljubit' "to love;"
6-Lithuanian liaupsė "song of praise;"
7-Old English lufu "feeling of love; romantic sexual attraction,
8-" German Liebe "love
10-," Gothic liufs "dear, beloved."
यह इसके शब्दों के अस्तित्व के लिए साक्ष्य का यह अवधारणा मूलक स्रोत है।
1- संस्कृत लुभ्यति "इच्छा करता है"
2-फारसी अहिफ्तान "उलझाना, मारा जाना, प्रेम में होना;" 
3-लैटिन ल्यूबेट, बाद में लिबेट "प्रसन्न," कामेच्छा, ल्यूबिडो "इच्छा, लालसा; कामुक जुनून, वासना;
4-"ओल्ड चर्च स्लावोनिक- ल'उबू (लूबू)" प्रिय," लजुबिटी,
 5-रूसी- लजुबिट' "प्यार करने के लिए;"
 6-लिथुआनियाई -लिअप्से "प्रशंसा का गीत;"
 7-पुरानी अंग्रेजी -लुफू "प्यार की भावना; तथा रोमांटिक यौन आकर्षण,
8- "जर्मन -लीबे" प्यार
10-," गॉथिक- लाइफ़्स - प्रिय।"

प्रस्तुतकर्ता ★-Yadav Yogesh Kumar "Rohi"-★ पर 12:23 am
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