'बुद्ध बनाम वैदिक'
आखिर सच क्या है?
कुछ बुद्धिष्टों का मानना है कि, बौद्धकाल से पूर्व कोई वैदिककाल नहीं था। किन्तु बौद्ध साहित्य की प्राचीन पुस्तक "सुत्तपिटक" के २१-सक्कपञ्ह-सुत्त में उल्लेख है कि, मगध के राजगृह के निकट अम्बसण्ड ग्राम के उत्तर में स्थित वैदिक पर्वत की शक्रशाल गुफा में विहार करते महात्मा बुद्ध से मिलने, स्वयं इन्द्र, देवताओं एवं पँचशिख गन्दर्भ के साथ आया था। इन्द्र की बुद्ध के साथ हुई वार्ता में बहुत पहले हुए देवासुर संग्राम का भी जिक्र है।
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