★-"इतिहास के बिखरे हुए पन्ने"-★
गुरुवार, 28 जनवरी 2021
कारुरहं ततो भिषगुपलप्रक्षिणी नना।नानाधियोवसूयवोऽनु गा इव तस्थिमेन्द्रायेन्दो परिस्रव।। १७४.१७ ।।
कारुरहं ततो भिषगुपलप्रक्षिणी नना।
नानाधियोवसूयवोऽनु गा इव तस्थिमेन्द्रायेन्दो परिस्रव।। १७४.१७ ।। (बृृृृृृह्म पुराण अध्याय १७४)
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