'हनुमान' मानव ही हैं,
इसका साक्ष्य स्वयं 'रामायण' में ही उपलब्ध है। देखें👇
गवां शतसहस्त्रं च
ग्रामाणां च शतं परम्।
सकुण्डला शुभाचारा
भार्याः कन्यास्तु षोडश।।
युद्धकाण्ड 125/44।।
भावार्थ- लंकाविजय के बाद हनुमान द्वारा राम की वापसी की सूचना पाकर, प्रसन्न भरत ने उन्हें एक लाख गौ, सौ उत्तम ग्राम तथा कुण्डलों सहित शुभाचरण वाली 16 कन्याएँ पत्नी के रूप में प्रदान कीं।
मन्तव्य योग्य तथ्य यह है कि, क्या किसी वानर की पत्नियां, मानव कन्याएँ हो सकतीं हैं?
कदापि नहीं! निश्चित ही महाकाव्य में 'राम' के सहायक कथित भालू बन्दर, वानरों जैसी मुखाकृति वाले आदिवासी योद्धा ही हैं।
वानर शब्द संस्कृत मे वाननर का समाक्षर लोप (Haplology) से निर्मित रूप है ।
जिसका अर्थ है वन का नर अर्थात् जंगली मानव ....
वानं वनसम्बन्धि जन: नर: इति वानर: कथ्यते !
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