मुझे एहशास है, प्रभु कुछ खास है।
न जाने क्यूँ , ये मन उदास है ।
मुझे एहशास है, प्रभु कुछ खास है।
तेरी खुशबू मेरे प्रभु जिसका मन दास है
तब सर्वव्यापी मन मेरा पापी मुझे विश्वास है ।
तू 'न जन्मा तेरा ये शमा न तेरा नाश है ।
मुझे एहशास है प्रभु कुछ खास है।
××××××××××××××××××××××××××××××
सत्कर्म जहाँ में होता नहीं, फिर बोलो क्या होता ?
दुनियाँ में सर्वत्र कहीं, पाप ही छाया होता ।
करना ये हल, मन तू सम्हल मुझे ये विश्वास है ।
प्रभु तो पास है यदि मन में प्यास है ।
मुझे एहशास है, प्रभु कुछ खास है।
××××××××××××××××××××××××××
मन को जीतो जैसे जीतो, ज्ञान के पट तो खोलो ।
मस्जिद,मन्दिर 'न तीरथ में ,प्रभु को दिल में टटोलो।
मालुम नहीं हमको कहीं 'ना कोई प्रयास है ।
ये किसका प्रकाश है, ये कितना खास है ।
मुझे एहशास है प्रभु कुछ खास है।
×××××××××××××××××××××××××××××
श्वाँसों का चलन ये धड़कन, जीवन ये क्यों होता ?
जन्म-मरण का उपक्रम, ये सदीयों का समझौता
मंजिल नहीं साहिल नहीं पढ़ाबों पर वास है ।
चलता ही चल तू मोह से निकल, जब तक तेरी श्वाँस है ।
मुझे एहशास है प्रभु कुछ खास है।
मन मेरा नजाने क्यूँ ,फिर उदास है ।
मुझे एहशास है प्रभु कुछ खास है।
_________________________________________
यादव योगेश कुमार "रोहि" भजन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें