यादवों को, दलितों को, और अब मुसलमानों को भी जब आज भाजपा सरकार फिर (ईवीएम) की हेराफेरी से सत्ता पर आसीन हो गयी तो उन्मत्त होकर भाजपा समर्थनकों ने लोक तन्त्र की हत्या के जश्न के तौर पर "जयश्रीराम का उद्घोष करते हुए जगह जगह यादव मुसलमान और दलितों को भी अपना निशाना बनाकर गालियाँ देने का अभियान चला दिया है ।
और होली से पूर्व ये हुड़दंग मचाने वाले लोग खुद को तो डुबोऐंगे ही ये "जयश्रीराम को भी ले डूबेंगे।
क्यों कि " जयश्रीराम का नारा लगा लगाकर यादवों अथवा दूसरी जातियों के विरुद्ध गाली देने वाले लोग और इनके घरों में आग लगाने वाले लोग जय श्रीराम को नफरत का प्रतीक बना देंगे-
जय श्रीराम के बगहाने देश और समाज में गृहयुद्ध कि स्थिति पैदा करदेंगे और एक दिन इतिहास में यह भी दर्ज होगा कि जय श्रीराम" कह कह कर पार्टी विशेष के लोग नफरत और गालियों की भाषा बोलते थे।
यद्यपि आज विश्व समुदाय दो गुटों में बँटता नजर आ रहा ; जो कि विश्व युद्ध के भावी संकेत हैं ।
दुनियाँ तबाही के मरकज पर खड़ी है।
लोगो ! इतिहास भी अपने अतीत को अवश्य दोहराता है और समय आने पर हम यादव आज हम्हें गालियाँ और नफरत देने वालों को व्याज सहित बदला देंगे।
आज तुम जिन्हें दबा रहे हो उनका समय आने पर वे फिर ब्याज सहित आपको दबाऐंगे ।
नफरत से नफरत बढ़ेगी ही सभी राजनैतिक पार्टियाँ इन नफरतों को शह दे रहीं हैं तो यह राष्ट्र की अस्मिता के लिए खतरा है राष्ट्र का स्वरूप संवैधानिक प्रभुसत्ता से ही सार्थक होता है ।
अन्यथा दुनियाँ में देश तो बहुत से हो सकते हैं परन्तु राष्ट्र तो वही हो सकता है जिसमें निष्पक्ष न्याय प्रणाली और सर्व हित की भावना हो ।
वैसे तो दुनियाँ में राष्ट्र तो १९५ हैं और देश २५० तक हैं । जिनमें १९३ देश संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं। इजरायल और वैटिकन सिटी ही ऐसे दो देश हैं जिनका जिनको संयुक्त राष्ट्र संघ की मान्यता प्राप्त नहीं है।
परन्तु राष्ट्र देश से बड़ी प्रभुसता सम्पन्न जनभू सम्पदा है।
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प्रस्तुति करण:- यादव योगेश कुमार रोहि-
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