मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

शिक्षा और मनोवैज्ञानिक तथ्य ...नवीनत्तम संस्करण

मनोविज्ञान के सिद्धान्त व प्रतिपादक/जनक ( जन्म-दाताओं का परिचय :-
____________________________

संकलन कर्ता :- यादव योगेश कुमार " रोहि " 
8077160219


1-आधुनिक मनोविज्ञान के जनक ( विलियम बुण्ट)


2- आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा ( विलियम जेम्स)
-

3- शिक्षा-मनोविज्ञान के जनक ( एडवर्ड थार्नडाइक)

4- प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत ( एडवर्ड थार्नडाइक)

5- प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत   (एडवर्ड थार्नडाइक )

6- संयोजनवाद का सिद्धांत (एडवर्ड थार्नडाइक )

7-उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत   (एडवर्ड थार्नडाइक )

8- S-R थ्योरी के जन्मदाता (  एडवर्ड थार्नडाइक)

9 -अधिगम का बन्ध सिद्धांत  (एडवर्ड थार्नडाइक)

11 संबंधवाद का सिद्धांत ( एडवर्ड थार्नडाइक )

12- प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत 
( एडवर्ड थार्नडाइक) 

13- बहुखंड या बहुतत्व बुद्धि का सिद्धांत
 (एडवर्ड थार्नडाइक)
 बिने-साइमन 🎺

14-बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक ( अल्फ्रेडबिने एवं साइमन )

25- बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता ( अल्फ्रेडबिने )

26-- एकखण्ड बुद्धि का सिद्धांत ( अल्फ्रेडबिने )

27- दो खंड बुद्धि का सिद्धांत (स्पीयरमैन )

28-तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत ( स्पीयरमैन)

29- सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक (स्पीयरमैन )

30- बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत (स्पीयरमैन )👍

31- त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत  ( गिलफोर्ड)

32- बुद्धि संरचना का सिद्धांत ( गिलफोर्ड )

 33- समूह खंडबुद्धि का सिद्धांत ( थर्स्टन ) 

34-युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक ( थर्स्टन-

35- क्रमबद्ध अन्तराल विधि के प्रतिपादक (थर्स्टन)

36– समदृष्टि अन्तर  के प्रतिपादक  (थर्स्टन व चेव )

37- न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत 
( थॉमसन) 

38- पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत (बर्ट एवं वर्नन)

39- तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत ( आर. बी.केटल )

40-प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धान्त के प्रतिपादक || आर. बी.केटल |


50-बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत || हैब |-

51- बुद्धि इकाई का सिद्धांत ( बुद्धि इकाई का सिद्धांत  
स्टर्न एवं जॉनसन |-

52_ बुद्धिलब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक || विलियम स्टर्न |-

53- संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक || विल्हेल्म मैक्सिमिलियन वुन्ट
 और शिष्य टिंचनर (Edward B. Titchener) |-

54-" प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक ||
 विल्हेम वुण्ट-1879 में लिपजिग जर्मनी में पहली प्रयोगशाला |-

55 विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक || जीन पियाजे |-

57- संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत || जीन पियाजे  

58- मूल प्रवृत्तियों के सिद्धांत के जन्मदाता || विलियम मैक्डूगल 

59- हार्मिक का सिद्धांन्त || विलियम मैक्डूगल |-

60-मनोविज्ञान –मन मस्तिष्क का विज्ञान ( पोंपोनोजी )

61-क्रिया-प्रसूत अनुबंधन का सिद्धांन्त ( B F स्किनर )

 62-सक्रिय अनुबंधन का सिद्धांन्त  B F स्किनर |- |

 63-अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत ||
 इवान पेट्रोविच पावलव (I P Pavlov)  

64-संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत || I P पावलव

-👌👍शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत || इवान पेट्रोविच पावलव |- 


69-प्रतिस्थापक का सिद्धांत (इवान पेट्रोविच पावलव - )

70- प्रबलन (पुनर्बलन) का सिद्धांत (सी. एल. हल) 


71- व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत ( सी. एल. हल)


72-सबलीकरण का सिद्धांत  (सी. एल. हल)- 


73-संपोषक का सिद्धांत ( सी. एल. हल)

74- चालक / अंतर्नोद (प्रणोद) का सिद्धांत ( सी. एल. हल) 


 75-अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त ( कोहलर)

76- सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत ( कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का )

77- गेस्टाल्टवाद सम्प्रदाय के जनक ( कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का) 


78- क्षेत्रीय सिद्धांत ( कुर्त लेविन)

 79-तलरूप का सिद्धांत ( कुर्त लेविन)

80-समूह गतिशीलतासम्प्रत्यय के प्रतिपादक (कुर्त लेविन)

81- सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत ( गुथरी )- 

82 साईन (चिह्न) का सिद्धांत ( टॉलमैन)

83- सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक ( टॉलमैन)

 84-अग्रिम संगठकप्रतिमान के प्रतिपादक ( डेविड आसुबेल )-

85-भाषायीसापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक
 (व्हार्फ |- 

86-मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक जोहन बी. वाटसन |- 

87- अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक || क्लार्क हल |-

 88-सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक || अल्बर्ट बण्डूरा |-

 89 पुनरावृत्ति का सिद्धांत || 
जी स्टेनले हॉल |- | 

90-अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक || गेने |

91-मनोसामाजिकविकासकासिद्धांत || एरिकएरिक्सन |

92- प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत || जान ड्यूवी | 

93- अधिगम मनोविज्ञान का जनक  
हर्मन इबिन हॉस (Hermann Ebbinghaus ) |- 

94-आधुनिक मनोविज्ञान के प्रथम मनोवैज्ञानिक || डेकार्टे |-

 95-किन्डरगार्टन विधि के प्रतिपादक || फ्रोबेल | 

96-डाल्टन विधि के प्रतिपादक || मिस हेलेन पार्कहर्स्ट |-

 97-मांटेसरी विधि के प्रतिपादक || मैडम मारिया मांटेसरी |- 

98-संज्ञानात्मक आन्दोलन के जनक || अल्बर्ट बांडूरा

99-गेस्टाल्टवाद (1912) || कोहलर, कोफ्का, वर्दीमर व लेविन 


100-संरचनावाद (1879) || विलियम वुंट |- 

101-व्यवहारवाद (1912) || जे. बी. वाटसन |- 


102-मनोविश्लेशणवाद (1900) || सिगमंड फ्रायड - 


103-विकासात्मक/संज्ञानात्मक || जीन पियाजे |- 

104-संरचनात्मक अधिगम की अवधारणा || जेरोम ब्रूनर |- 

105- अधिगम सिद्धांत (1986) || अल्बर्ट बांडूरा |- 

106-संबंधवाद (1913) – थार्नडाईक |- 

107-अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत (1904) | पावलव|- 

108-क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत (1938) –स्किनर 

109-प्रबलन/पुनर्बलन सिद्धांत (1915) – हल 

110-अन्तर्दृष्टि/सूझ सिद्धांत (1912) – कोहलर |- 

111-विकास के सामाजिक प्रवर्तक || एरिक्सन |-

112-प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना ग सिद्धांत || जान ड्यूवी |- 

 113-अधिगम मनोविज्ञान का जनक || एविग हास |

 114-अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक || 
जेरोम ब्रूनर |- |

 115-संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत || जेरोम ब्रूनर |

116- सामान्यीकरण का सिद्धांत || सी. एच. जड |- 

117- शक्ति मनोविज्ञान का जनक || वॉल्फ |- 

118अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत || बगले |

119-भाषा विकास का सिद्धांत || चोमस्की |- |

120- माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत || मैस्लो (मास्लो) |- 

122- स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत || मैस्लो (मास्लो) |- |

 123-आत्मज्ञान का सिद्धांत || मैस्लो (मास्लो) 

 124-उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत || डेविड सी.मेक्लिएंड |

125-प्रोत्साहन का सिद्धांत || बोल्स व काफमैन |

 126-शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक-
 आलपोर्ट 

126-व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत || हेनरी मुरे 

 127-कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक || मोर्गन व मुरे | ...................

प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधि के प्रतिपादक || मोर्गन व मुरे |- | 

बाल -अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक || लियोपोल्ड बैलक |- 

| रोर्शा परीक्षण (I.B.T.) विधि के प्रतिपादक || हरमन रोर्शा |- |

वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.) विधि के प्रतिपादक || पाईन व टेंडलर |- | 

व्यवहार परीक्षण विधि के प्रतिपादक || मे एवं हार्टशार्न |- 

|किंडरगार्टन(बालोद्यान ) विधि के प्रतिपादक || फ्रोबेल 

|- |खेल प्रणाली के जन्मदाता || फ्रोबेल |- 

|मनोविश्लेषण विधि के जन्मदाता || सिगमंड फ्रायड |- |

 स्वप्न विश्लेषण विधि के प्रतिपादक || सिगमंड फ्रायड |- 
| प्रोजेक्ट विधि के प्रतिपादक || विलियम हेनरी क्लिपेट्रिक |- |

मापनी भेदक विधि के प्रतिपादक || एडवर्ड्स व क्लिपेट्रिक |- | 

डाल्टन विधि की प्रतिपादक || मिस हेलेन पार्कहर्स्ट |- 

| मांटेसरी विधि की प्रतिपादक || मेडम मारिया मांटेसरी 

|- |डेक्रोली विधि के प्रतिपादक || ओविड डेक्रोली |- | 

विनेटिका(इकाई) विधि के प्रतिपादक || कार्लटन वाशबर्न |- | 

ह्यूरिस्टिक विधि के प्रतिपादक || एच. ई. आर्मस्ट्रांग |-

 | समाजमिति विधि के प्रतिपादक || जे. एल. मोरेनो |- |

 योग निर्धारण विधि के प्रतिपादक || लिकर्ट |- | 

स्केलोग्राम विधि के प्रतिपादक || गटमैन |- 

| विभेद शाब्दिक विधि के प्रतिपादक || आसगुड |

- | स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण विधि के प्रतिपादक || फ़्रांसिस गाल्टन |- 

| स्टेनफोर्ड-बिने स्केल परीक्षण के प्रतिपादक || टरमन |- 

| पोरटियस भूल-भुलैया परीक्षण के प्रतिपादक || एस.डी. पोरटियस |- 

| वेश्लर-वेल्यूब बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक || डी.वेश्लवर |- | 

आर्मी अल्फा परीक्षण के प्रतिपादक || आर्थर एस. ओटिस |- |

 आर्मी बिटा परीक्षण के प्रतिपादक || आर्थर एस. ओटिस |- 
|हिन्दुस्तानी बिने क्रिया परीक्षण के प्रतिपादक || सी.एच.राइस |-

 |प्राथमिक वर्गीकरण परीक्षण के प्रतिपादक || जे. मनरो |- |
बाल अपराध विज्ञान का जनक || सीजर लोम्ब्रसो |-

 | वंश सुत्र के नियम के प्रतिपादक || मैंडल |- 

| ब्रेल लिपि के प्रतिपादक || लुई ब्रेल |-

 |साहचर्य सिद्धांत के प्रतिपादक || एलेक्जेंडर बैन 

|- |सीखने के लिए सीखना” सिद्धांत के प्रतिपादक || हर्लो |- |

शरीर रचना का सिद्धांत || शैल्डन |- |

 व्यक्तित्व मापन के जीव सिद्धांत के प्रतिपादक || गोल्डस्टीन |- |

 अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त || कोहलर |- 

| क्षेत्रीय सिद्धांत || लेविन |- 

|तलरूप का सिद्धांत || लेविन |-

 |समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक || लेविन |- |

सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत || गुथरी |- |

साईन(चिह्न) का सिद्धांत || टॉलमैन |- | 

सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक || टॉलमैन |- |

अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक || 
डेविड आसुबेल |- | 

भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक || व्हार्फ |- |

मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक |
| जोहन बी. वाटसन |- |

 अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक || क्लार्क |- |

 सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक || अल्बर्ट बाण्डूरा |-

 | पुनरावृत्ति का सिद्धांत || स्टेनले हॉल |- 

|अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक || गेने |- |

 विकास के सामाजिक प्रवर्तक || एरिक्सन |- |

 प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत || जान ड्यूवी |- | 

अधिगम मनोविज्ञान का जनक || एविग हास |-

 |अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक || जेरोम ब्रूनर |

- | संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत || जेरोम ब्रूनर |-

 | सामान्यीकरण का सिद्धांत || सी. एच. जड |- | 

शक्ति मनोविज्ञान का जनक || वॉल्फ |- |

 अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत || बागले |- | 

भाषा विकास का सिद्धांत || चोमस्की |- | 

माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत || 
मैस्लो (मास्लो) |- 

| स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत || मैस्लो (मास्लो) |- | 

आत्मज्ञान का सिद्धांत || मैस्लो (मास्लो) |-

 |उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत || डेविड सी.मेक्लिएंड |- |

 प्रोत्साहन का सिद्धांत || बोल्स व काफमैन |-

 |शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक || आलपोर्ट |- |

 व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत || हेनरी मुरे |- 

| कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक || मोर्गन व मुरे |- |

 प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधि के प्रतिपादक || मोर्गन व मुरे |- |

बाल-अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक || लियोपोल्ड बैलक |-

 |रोर्शा स्याही ध्ब्बा परीक्षण (I.B.T.) विधि के प्रतिपादक || हरमन रोर्शा |- |

 वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.)विधि के प्रतिपादक || पाईन व टेंडलर |- |

 व्यवहार परीक्षण विधि के प्रतिपादक || मे एवं हार्टशार्न |- |

किंडरगार्टन(बालोद्यान ) विधि के प्रतिपादक || फ्रोबेल |-

 | खेल प्रणाली के जन्मदाता || फ्रोबेल |- 

|मनोविश्लेषण विधि के जन्मदाता || सिगमंड फ्रायड |- 

| स्वप्न विश्लेषण विधि के प्रतिपादक || सिगमंड फ्रायड 

|- |प्रोजेक्ट विधि के प्रतिपादक || विलियम हेनरी क्लिपेट्रिक |- |

 मापनी भेदक विधि के प्रतिपादक ||एडवर्ड्स व क्लिपेट्रिक |- | 

डाल्टन विधि की प्रतिपादक || मिस हेलेन पार्कहर्स्ट |-
 |
 मांटेसरी विधि की प्रतिपादक || मेडम मारिया मांटेसरी |- 
| डेक्रोली विधि के प्रतिपादक || ओविड डेक्रोली |- | 

विनेटिका(इकाई) विधि के प्रतिपादक || कार्लटन वाशबर्न |- |

 ह्यूरिस्टिक विधि के प्रतिपादक || एच. ई. आर्मस्ट्रांग |- 

| समाजमिति विधि के प्रतिपादक || जे. एल. मोरेनो |-

 | स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण विधि के प्रतिपादक || फ़्रांसिस गाल्टन |- |

 स्टेनफोर्ड- बिने स्केल परीक्षण के प्रतिपादक || टरमन |-

 | पोरटियस भूल-भुलैया परीक्षण के प्रतिपादक || एस.डी. पोरटियस ।।

बुद्धि के द्विकारक सिद्धान्त के प्रतिपादक स्पीयर मेन।।

सोमवार, 30 दिसंबर 2019

मेरे दिल के उलाहने ....

परामर्श में चापलूसी 
कर्तव्यों में मोह !
किफायती में कंजूसी
तन्हाई में विच्छोह !!
ऐसा कभी न हो ...
जिन रास्तों की मंजिल नो  
और जिन कर्मों से कुछ हासिल न हो 
उस मुसाफिर  अहमियत में काफिर 
तुम तत्काल करो उससे  विच्छोह !

१-साहित्य गूँगे इतिहास का वक्ता है । 
परन्तु इसे नादान कोई नहीं समझता है ।। 

साहित्य किसी समय विशेष का प्रतिबिम्ब तथा तत्कालिक परिस्थितियों का खाका है ।
 ये पूर्ण चन्द्र की धवल चाँदनी है जैसे अतीत कोई राका है ।। 

इतिहास है भूत का एक दर्पण।
 गुजरा हुआ कल गुजरा हुआ क्षण -क्षण ।। 

२- कोई नहीं किसी का मददगार होता है । 
आदमी भी मतलब का यार होता है ।।

 छोड़ देते हैं सगे भी अक्सर मुसीबत में । 
मुफ़लिसी में जब कोई लाचार होता है ।। 

बात ये अबकी नहीं सदीयों पुरानी है ।
 स्वार्थ से लिखी हर जीवन कहानी है ।। 

स्वार्थ है जीवन का वाहक । 
अहं जीवन की सत्ता है ।।
 अहंकार और स्वार्थ ही है हर प्राणी की गुणवत्ता ।।

 ३- विश्वास को भ्रम , और दुष्कर्म को श्रम कह रहे । 
आज लूट के व्यवसाय को , कुछ लोग उपक्रम कह रहे।। 

व्यभिचार है,पाखण्ड है। 
वासनाओं की ज्वाला प्रचण्ड है । 
रूढ़ियों को भी कुछ लोग धर्म कह रहे ।। 

४- इन्तहा जिसकी नहीं, उसका कहाँ आग़ाज है । 
ना जान पाया तू अभी तक जिन्द़गी क्या राज है ।।

 ५- धड़कनों की ताल पर , श्वाँसों की लय में ढ़ाल कर ।
 स्वर बनाकर प्रीति को तब गाओ जीवन गीत को ।।

 साज़ लेकर संवेदनाओं का । 
दु:ख सुख की ये सरग़में ।
 आहों के आलाप में ।
 ये कुछ सुनाती हैं हम्हें ।। 
सुने पथ के ओ! पथिक तुम सीखो जीवन रीति को ।। 

स्वर बनाकर प्रीति को तब गाओ जीवन गीत को ।।
 सिसकियों की तान जिसमें एक राग है अरमान का ।।
 प्राणों के झँकृत तार पर । 
उस चिर- निनादित गान का ।। 

विस्तृत मत कर देना तुम इस दायित पुनीत को ।।
 स्वर बनाकर प्रीति को तब गाओ जीवन गीत को ।। 

ताप न तड़पन रहेगी। जब श्वाँस से धड़कन कहेगी ।। 
हो जोश में तनकर खड़ा। विद्युत - प्रवाह सी प्रेरणा ।

 बनती हैं सम्बल बड़ा ।। 
तुम्हेें जीना है अपने ही बल पर । 
तुम लक्ष्य बनाओं जीत को ।।
 स्वर बनाकर प्रीति को तब गाओ जीवन गीत को ।।

 ६- खो गये कहीं बेख़ुदी में । 
हम ख़ुद को ही तलाशते ।। 
लापता हैं मञ्जिलें । 
अब मिट गये सब रास्ते ।।
 न तो होश है न ही जोश है ।। 
ये जिन्द़गी बड़ी खामोश है ।। 
बिखर गये हैं अरमान मेरे सायद बदनशीं के वास्ते ।।

 ये दूरियाँ ये फासिले , बेतावीयों के सिलसिले !! 
एक साद़गी की तलाश में , हम परछाँयियों सेआ मिले ।।
 दूर से भी काँच हमको। मणियों जैसे भासते ।। 
सज़दा किया मज्दा किया ।। 
कुर्बान जिसके वास्ते।।

 हम मानते उनको ख़ुदा ।। 
--जो कभी न हमारे ख़ास थे ।। 
किश्ती किनारा पाएगी कहाँ मिल पाया ना ख़ुदा ।।
 वो खुद होकर हमसे ज़ुदा । 
ओझल हो गया आस्ते ।। 
खो गये कहीं बेख़ुदी में । 
हम ख़ुद को ही तलाशते ।। 

७- जिन्द़गी की किश्ती ! 
आशाओं के सागर ।। 
बीच में ही डूब गये ; कुछ लोग तो घबराकर ।। 
किसी आश़िक को पूछ लो । 
अरे तुम द़िल का हाल जाकर ।।
 दुपहरी सा जल रहा है ; बैचारा तमतमाकर ।। 
किसी कँवारी से मत पूछना सहानुभूति थोड़ी भी दिखाकर ।। तड़फड़ाती फिरती है 'वह जैसे खोई प्यासी लहर ।।
 असीमित आशाओं के डोर में । 
बँधी पतंग है जिन्द़गी कोई ।। 
मञ्जिलों से पहले ही यहाँं , भटक जातों हैं अक्सर बटोही क्यों कि ! बख़्त की राहों पर ! जिन्द़गी वो मुसाफिर है ।।
 जिसकी मञ्जिल नहीं "रोहि" कहीं । 
और न कोई सफ़र ही आखिर है ।।
 आशाओं के कुछ पढ़ाब जरूर हैं । 
'वह भी अभी हमसे बहुत दूर हैं ।। 
बस ! चलते रो चलते रहो " चरैवेति चरैवेति ! 

८- अपनों ने कहा पागल हमको । ग़ैरों ने कहा आवारा है । जिसने भी देखा पास हम्हें । उसने ही हम्हें फटकारा है ।। 

९- कोई तथ्य असित्व में होते हुए भी उसी मूल-रूप में नहीं होता ; जिस रूप में कालान्तरण में उसके अस्तित्व को लोगों द्वारा दर्शाया जाता है ।
 क्यों कि इस परिवर्तित -भिन्नता का कारण लोगों की भ्रान्ति पूर्ण जानकारी, श्रृद्धा प्रवणता तथा अतिरञ्जना कारण है । और परम्पराओं के प्रवाह में यह अस्त-व्यस्त होने की क्रिया स्वाभाविक ही है । 
देखो ! आप नवीन वस्त्र और उसी का अन्तिम जीर्ण-शीर्ण रूप ! अतः उसके मूल स्वरूप को जानने के लिए केवल अन्त:करण की स्वच्छता व सदाचरण व्रत आवश्यक है क्यों कि दर्पण के स्वच्छ होने पर ज्ञान रूप प्रकाश स्वत: ही परावर्तित होता है । और यह ज्ञान वही प्रकाश है ।
 जिससे वस्तु अथवा तथ्यों का मूल वास्तविक रूप दृष्टि गोचर होता है । 
और ज्ञान की सिद्धि के लिए अन्त:करण चतुष्टय की शुद्धता परमावश्यक है । 
फिर आपसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं ।
 समझे ! अभी नहीं समझे ! अनुभव उम्र की कषौटी है ।
 ज्ञान की मर्यादा उससे कुछ छोटी है । क्योंकि अनुभव प्रयोगों के आधार पर अपने आप में सिद्ध होता है और ज्ञान  केवल एक सैद्धान्तिक स्थति है भक्तों आप ही बताइए कि प्रयोग बड़ा होता है या सिद्धांत ! 

परिस्थितियों के साँचे में ।  
  रोहि व्यक्तित्व ढलता है । 
बदलती है दुनियाँ उनकी जिनका मन बदलता है। मेरे विचार मेरे भाव यही मेरे ठिकाने हैं ।
 हर कर्म है इनकी व्याख्या  ही हमने जाने जन्म जन्मान्तरण के अहंकारों का सञ्चित रूप ही तो नास्तिकता है ।
 जो जीवन को निराशाओं के अन्धेरों से आच्छादित कर देती है । 
समझने की आवश्यकता है कि नास्तिकता क्या है ? अपने अस्तित्व को न मानना ही नास्तिकता है । क्यों कि लोग अहं में जीते है ।
 परन्तु यदि वे स्वयं में जी कर देखें तो वे परम आस्तिक हैं । बुद्ध ने भी स्वको महत्ता दी अहं को नहीं !
 दर्शन ( Philosophy) से विज्ञान का जन्म हुआ ! दर्शन वस्तुत सैद्धान्तिक ज्ञान है । और विज्ञान प्रायौगिक है --जो किसी वस्तु अथवा तथ्य के विश्लेषण पर आधारित है । 

ताउम्र बुझती नहीं "रोहि "   
 जिन्द़गी  'वह  प्यास है । 
आनन्द की एक बूँद के लिए भी . 
कोई करता रहा वह प्रयास है।। 

आस जब तलक छोड़ी नहीं   
थीं धड़कने और श्वाँस । 
जीवन किसी पहाड़ सा दुर्गम और स्वप्न झरना कोई खा़स.. 
ये नींद सरिता की अविरल धारा. जहाँ मिलता नहीं कोई किनारा। हर श्वाँस में है अभी जीने की चाह ... 
ये जीवन है अनन्त जन्मों का प्रवाह .... 
शिक्षा का व्यवसायी करण दु:खद व पतनकारी ! 
भगवन् ! आज के अधिकतर शिक्षा संस्थान (एकेडमी) एक ब्यूटी-पार्लर से अधिक कुछ नहीं हैं ।
 जिनमें केवल डिग्रीयों का श्रृँगार करके विद्या - अरथी नकलते हैं ।
 ये योग्यता या विद्या का अरथी ले जारहे हों ऐसा लगता है । 
जिनमें योग्यता रूपी सुन्दरता का प्राय: अभाव ही रहता है केवल आँखों में सबको चूसने का भाव रहता है।
 इन्हें -जब समझ में आये कि सुन्दरता कोई श्रृँगार नहीं ! -जैसे साक्षरता  शिक्षाकार  नहीं ।
 योग्यता एक तपश्चर्या है । 

--जो नियम- और संयम के पहरे दारी में रहती है ।
 वैसे भी योग्य व्यक्ति दुनियाँ का सबसे शक्ति शाली व्यक्ति है । 
यदि स्त्रीयाँ सुन्दर न हों केवल श्रृँगार सर्जरी कराई कर रुतबा बिखेरती हों तो विद्वानों की दृष्टि में कभी भी सम्माननीया नहीं रहती ।

 जिन्हें अपने संसारी पद का ,  
      "रोहि" हद से ज्यादा मद है । 

सन्त और विद्वान समागम ,   
     उनका  छोटा क़द है । 

उनके पास कुछ टुकड़े हैं ।  
      क्षण-भङ्गुर चन्द कनक के ,
 उन्मुक्त कर रहे स्वर उनको , 
         बड़ते पैसों की खनक के उनकी उपलब्धियों की भी ,           संसार में यही सरहद है । 
ये लौकिक यात्रा का साधन धन !
 जिसकी टिकट भी अब तो रद है । 
जीवात्मा की अनन्त यात्रा ।
    जिसका पाथेय उपनिषद् है ।
 पढ़ाबों से वही बढ़ पाता है रोहि ।  
  --जो राहों का गहन विशारद है ... 

सच कहने में संकोच खौंच दीवार की आँसे ! 
व्यक्ति की छोटी शोच , मोच  पैरों की नाँसे !!
 बातचीत करके और व्यवहार परख कर चलने वाले कभी नहीं पाते झांसे ! 

सभी दूध के धुले भी कहाँ निर्विवाद होते हैं । 
नियमों में भी अक्सर यहाँं अपवाद होते हैं ।।

 कार्य कारण की बन्दिशें , उसके भी निश्चित दायरे। 
नियम भी सिद्धान्तों का तभी, अनुवाद होते हैं ।

 महानताऐं घूमती हैं "रोहि" गुमनाम अँधेरों में ।
 चमत्कारी तो लोग प्रसिद्धियों के बाद होते हैं ।।

 भव सागर है कठिन डगर है ।
 हम कर बैठे खुद से समझौते !
 डूब न जाए जीवन की किश्ती ।
 यहाँ मोह के भंवर लोभ के गोते ।
 मन का पतवार बीच की धार। 
रोही उम्र बीत गई रोते-रोते। 
प्रवृत्तियों के वेग प्रबल हैं । 
लहरों के भी कितने छल हैं ।
 बस बच गए हैं हम खोते खोते। 
सद्बुद्धि केवटिया  बन जा ।
 इन लहरों पर सीधा तंजा । 
प्रायश्चित के फेनिल से चमकेगा। 
रोही अन्तर घट  ये धोते-धोते।। 

तन्हाईयों के सागर में खयालों की बाड़ हैं ।
 जिन्दगी की किश्ती लहरें प्रगाढ़ हैं । 
पतवार छूट गये मेरे ज्ञान और कर्म के । 
हर तरफ मेरे मालिक ! 
घोर स्वार्थो की दहाड़ है । 
जिसकी  दृष्टि में भय मिश्रित छल है। 
रोही वह निश्चित ही कोई अपराध कर रहा है और उसे अपराध बोध भी है। परन्तु वह दुर्भावनाओं से प्रेरित है । 
यह मेरा निश्चित मत है और जो व्यक्ति हमसे भयभीत है हम्हें उनसे भी भयभीत रहें। 

क्योंकि यह अपने भय निवारण के लिए हमारा अवसर के अनुकूल अनिष्ट कर सकते हैं। 
व्यक्तित्व तो रोहि परिस्थितियों के साँचे में ढलते हैं ।
 अभावों की आग में तप कर भत्त भी फौलाद में बदलते हैं । 
बेरोजगारी बस गारी 
       अनाप सनाप धन खेंचना !

 औरत को छोड़ औरों में रत 
          ये  कैसी कर्म विवेचना !

 वो बात करे देश भक्ति की 
          सरे आम देश को बेचना !


_____________________________________ 
आपका दास ! रूढ़िवादी यों से हताश ! यादव योगेश कुमार "रोहि" सम्पर्क-सूत्र:–807716219../

रविवार, 29 दिसंबर 2019

रूढ़िवादीयों का  तिलमिलाना भी सच्चाई के झुठलाना है ।

  तिलमिलाना रूढ़िवादीयों का
सच्चाई को झुठलाना है ।
देखकर तूफान जैसे शुतर्मुग का
आँखे मीचना !

विद्वता की चरम-सीमा
अहम मिश्रित धूर्तता !
संकुचित दायरे  व्यक्तित्व के
नहीं मूर्खो  को पता ।

शनिवार, 14 दिसंबर 2019

जिन संज्ञाओं के अन्त में फ हो उनका बहुवचन बनाने के लिए नियम - Rules for making plurals of nouns ending in - F

जिन संज्ञाओं के अन्त में फ हो उनका बहुवचन बनाने के लिए नियम -
Rules for making plurals of nouns ending in - F

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Nouns ending in -ff, -f, -fe >

Other English exercises on the same topic:
Plural [Change theme] Plural: Nouns ending in -ff, -f, -fe Plural:
words ending in -ff, -f, -fe -ff

Buff  Cliff  Muff  Earmuff  Cuff  Dandruff Handcuff  Knockoff  cerono  vs corona Distaff spindle Mastiff Add an 's'. Same rule for words ending in -ffe. Sheriffs Giraffes Words ending in -f / -fe Either add: an 's' OR : 'f' becomes 'v' + '-s' Gulf, gulfs Reef, reefs Belief, beliefs Brief, briefs + '-s' Roof, roofs Safe, safes Chief, chiefs Proof, proofs
_________________________________________
+ -ves Calf, calves Half, halves Loaf, loaves (of bread) Shelf, shelves Knife, knives Thief, thieves Leaf, leaves Life, lives Wife, wivesWolf,wolves
Both forms Dwarf, dwarfs or dwarves

Hoof ,hoofs or hooves

Wharf, wharfs or wharves

Handkerchief (s or ves) Scarf, scarfs or scarves

NB : Compound words wife => wives housewife => housewives midwife => mid wives knife => knives penknife => penknives pocketknife => pocketknives shelf => shelves bookshelf => bookshelves wolf => wolves werewolf => werewolves midwife Family names/ Surnames: the Smiths. the Wolfs one elf, two elves Exercise: write the plural of the words in brackets. If there are 2 possible plural forms for a word, choose the solution '/' with the
2 words. Twitter Share English exercise "Plural: Nouns ending in -ff, -f, -fe" created by lili73 with The test builder. [More lessons & exercises from lili73] Click here to see the current stats of this English test Please log in to save your progress. 1. During the night, two (thief) broke into a sweet shop and stole a candy cane. 2. Planting on (roof) and walls began in Europe. It is now becoming popular all over the world. 3. Snow White hides among the (dwarf) . But the Queen finds her and gives her a poisoned apple. 4. Do (wolf) really howl at the moon? Scientists say that it's just a myth. 5. Everybody has the right to have their own (belief) . In Scotland some people believe in haunted castles. 6. Our brain is made up of two (half) : a left brain and a right brain. The left side of our body is wired to the right side of our brain and vice versa. 7. Blue whale (calf) can weigh as much as 8 tons, making them the largest newborns in the world. 8. Clownfish always live near anemones in coral (reef) . They are immune from the stinging tentacles. 9. Like our fingernails, horse (hoof) grow continuously. They need to be trimmed every six to eight weeks by a farrier. 10. For her birthday, Suzan would like one of those fashionable (scarf) . She loves them a lot. End of the free exercise to learn English: Plural: Nouns ending in -ff, -f, -fe

Number of Grammar ...

Number (वचन) – Uses of Number in English Grammar (अंग्रेज़ी व्याकरण में वचन का प्रयोग)

(Noun) का प्रादुर्भाव प्रायः (Singular) एकवचन  रूप में होता है; फिर उसके (Plural) बहुवचन बनाये जाते हैं
जिनके कई नियम है जो निम्नलिखित है:👇

नियम:- 1 - आमतौर पर (Singular Noun) एकवचन संज्ञा के अंत में S लगाकर उसका Plural बनाया जाता है।
जैसे -

Hand - Hands

Pen - Pens

Table - Tables

Car - Cars

नियम:-2 - यदि किसी शब्द के अंत में S, Sh, SS, O, X, Z या Ch लगा होने तो उसे Plural बनाने के लिए उसके अंत में es जोड़ा जाता है। जैसे -

Ass - Asses

Bus - Buses

Topaz - Topazes

Box - Boxes

Torch - Torches

विशेष:-  लेकिन यदि किसी शब्द के अन्त में Ch तो हो परन्तु उसका उच्चारण (च) न होकर (क ) के रूप में हो तो बहुवचन बनाते समय केवल S लगाकर काम चलाना पड़ता है।
जैसे -

स्तोमक -Stomach - Stomachs

मोनार्क -Monarch - Monarchs

नियम :-3 - जिन Noun संज्ञा के अन्त में F या Fe हो तो उसके  बहुवचन बनाने के लिए F या Fe को हटा देते है बदले में Ves जोड़ते है।
जैसे -

Wife - Wives

Leaf - Leaves

विशेष:- लेकिन इन शब्दों के अंत में Fe या F रहने का बावजूद हम (Plural) बनाने के लिए F या Fe को हटाते नहीं है बल्कि S जोड़कर काम चला लेते है क्योंकि तब ये शब्द मूलतः Noun संज्ञा न होकर Verb 'क्रिया' होते  हैं ।
ये शब्द है:

Belief - Beliefs

Grief - Griefs

Safe - Safes

Brief - Briefs

अपवाद-(Gulf - Gulfs)

नियम:-4 - जिस Singular शब्द के अंत में Y हो और Y से पहले कोई Consonant (व्यञ्जन) हो तो Plural बहुवचन बनाने हेतु Y को हटा देते है बदले में ies लगते है।
जैसे -👇

Army - Armies

Lady - Ladies

नियम:-5 - लेकिन यदि किसी शब्द के अंत में Y हो और Y के पहले Vowel स्वर हो तो केवल S लगाकर Plural बनाते है। जैसे -

Boy - Boys

Day - Days

नियम:-6 - वैसे शब्द जिनके अंत में O हो तथा O से पहले Consonant हो तो उसे Plural बनाने के लिए उसके अंत में es जोड़ा जाता है। जैसे -

Hero - Heroes

Mango - Mangoes

नियम:-7 - यदि किसी Singular शब्द के अंत में O हो और O से पहले कोई Vowel हो तो केवल S लगाकर Plural बनाया जाता है। जैसे -

Zoo - Zoos

Portfolio - Portfolios

🌸↔अपवाद- नियम:-8 - लेकिन तकनीकि  शब्दावली में यदि O से पहले Consonant हो तो भी हम केवल S लगाकर Plural बनाते है। जैसे -👇

Photo - Photos

Dynamo - Dynamos

नियम:-9 - अंग्रेजी में कुछ ऐसे भी शब्द है जो औरों के के समान अंग्रेजी में प्रवेश तो कर गए हैं परन्तु अंग्रेजी के सिद्धांत को नहीं मानते वे अपना सिद्धांत अपने साथ लेकर आते हैं। जैसे -

Child - Children

Man - Men

Woman - Women

Tooth - Teeth

Mouse - Mice

Goose - Geese

Foot - Feet

🌸↔नियम:-10 - वैसे Compound Noun जो अपने बीच में (Hyphen) नहीं लेते, अपने Plural बनाने हेतु अपने अंत में S लेते है।
एक चिह्न (-) जो दो शब्‍दों को जोड़ता है (जैसे माता-पिता) या यह व्‍यक्त करता है कि किसी विभक्त शब्‍द का शेष भाग अगली पंक्ति में है; योजक चिह्न, हाइफ़न

जैसे -

Cup full - Cup fulls

Hand full - Hand fulls

नियम:-11 - वैसे Compound Noun जो Hyphen के द्वारा विभक्त होते है अपने सबसे महत्वपूर्ण भाग का Plural बनाकर सब का Plural बनाते है. जैसे -

Arm-chair - Arm-chairs

Tooth-brush - Tooth-brushes

Pass-book - Pass-books

Class-room - Class-rooms

Ticket-collector - Ticket-collectors

नियम:-12 - वैसे Compound Noun जिनका कोई न कोई भाग Preposition है ।
उनके Plural बनाने के लिए Preposition से पूर्व में आने वाले शब्द का Plural बनाया जाता है। जैसे -

Father-in-law - Fathers-in-law

Passer-by - Passers-by

Hanger-on - Hangers-on

नियम:-13 - वैसे Compound Noun जिसका कोई न कोई भाग Man या Woman हो के Plural बनाने के लिए हमें सम्पूर्ण का Plural बनाना पड़ता है।
जैसे -

Man-servant - Men-servants

Woman-engineer - Women-engineers

नियम:-14 - लेकिन यदि Compound Noun में Man या Woman हो परन्तु जिसके लिए Compound Noun का प्रयोग किया जाये वह स्वयं Man या Woman नहीं हो तो हमें Man या Woman का नहीं शेष का  बहुवचन बनाना पड़ेगा।
जैसे -

Man-eater - Man-eaters

Woman-hater - Woman-haters

नियम:-15 - वैसे Compound Noun जो एक से अधिक पदों से मिलकर बने हो अपने Plural बनाने हेतु सम्पूर्ण भाग का Plural बना लेते है। जैसे -

Lord-justice - Lords-justices

Lord-governor - Lords-governors

Knight-temper - Knights-tempers

नियम:-16 - वैसे Compound Noun जिसका कोई न कोई भाग Noun के अतिरिक्त दुसरे Parts of Speech हो तो उसके Plural बनाने हेतु केवल Noun का Plural बना लिया जाता है। जैसे -

High-way - High-ways

Push-back - Push-backs

🌸↔नियम:-17 - वैसे Latin शब्द जिसके अंत में Us लगा हो के Plural बनाने हेतु Us को हटाकर  i लगा देते है। जैसे -

Fungus - Fungi

Radius - Radii

Syllabus - Syllabi

Locus - Loci

🌸↔नियम:-18 - वैसे Latin शब्द जिसके अंत में is हो उसे Plural बनाने हेतु is को हटाकर es लगाते है। जैसे -

Basis - Bases

Crisis - Crises

Thesis - Theses

Axis - Axes

__________________________________________

In grammar, the number refers to the count of a noun or pronoun.

Example:
(Boy- boys,) (wife- wives),
my-our,  ox-oxen,  it-they, etc.

Types of Number: Two types exist Singular Number Plural Number

Singular Number It refers to the count of only one of a noun or pronoun.

Example: pen, table, aunt, father, goose, etc.

Plural Number It refers to the count of more than one of a noun or pronoun. Example: pens, tables, aunts, fathers, geese, etc.

How to change number Numerous

RULES :- are there to change the number from singular to plural.

They are as follows-

Rule 1-: In general “s” is used at the end of a singular noun to make it plural

Example: Singular Plural Pencil >Pencils Cow> Cows House> Houses Dog> Dogs Mobile> Mobiles

Rule 2: If there exist s, sh, ch, x and z in the end, “es” gets to be used.
Examples: Singular Plural Bus >Buses Dish >Dishes Branch>Branches Fox>Foxes Fez>Fezes

Rule 3: While pronunciation of ch is like “k”, just “s” is added at the end
Example: Singular Plural Monarch>Monarchs Patriarch>Patriarchs Matriarch>Matriarchs Stomach>Stomachs Hierarch>Hierarchs

Part 1: when there’s a “y” in the end and a Consonant before that “y”, “i” substitutes it and an “es” thereafter.

Example: Singular Plural Story>Stories Hobby>Hobbies Army>Armies Fly>Flies Baby>Babies

Part 2: but if there’s a vowel ahead of that “y”, no need to change it, only “s” to add.
Example Singular Plural Donkey>Donkeys Toy>Toys Day>Days Joy>Joys Play>Plays
___________________________________________
Rule 4: “v” replaces f or fe and then adds an “es” to finish it.
Example: Singular Plural thief>Thieves Wife>Wives Knife>Knives Wolf>Wolves Leaf>Leaves

Part 1: “es” to be added if the noun is finished by “o” and a consonant places ahead.
Example: singular Plural  Hero Heroes Mango Mangoes Zero Zeroes Potato Potatoes Echo Echoes

Part 2: but when there’s a vowel before that “o”, only “s” is enough.
Example Singular Plural Cuckoo>Cuckoos Bamboo>Bamboos Studio>Studios Portfolio>Portfolios Cameo>Cameos .

अपवाद-:👇
Exception 1: though there’s an “o” and a consonant ahead of it, some nouns use only “s”.

Example: Singular Plural Photo >Photos Piano>Pianos Radio>Radios Canto> Cantos Memo> Memos

Exception 2: for some, “s” and “es” both are correct. Singular Plural Mosquito>Mosquitos/mosquitoes

Commando>Commandos/commandoes

Portico>Porticos/porticoes Calico>Calicos/calicoes Memento>Mementos/mementoes

Rule 5: Some require changing the middle-vowel of the word to make it plural.
Example: Singular Plural
Man>Men Woman>Women Foot>Feet Mouse>Mice Tooth>Teeth

Rule 6: Some require (en, ren and ne )to add at last.

Example: Singularplural Ox>Oxen Child>Children

Brother>Brethren (brothers also correct)
Cow>Kine (cows also correct)
Sister> Sistren (sisters also correct)

Part 1: if “man” means human being in a compound noun(a noun that contains two or more words that jointly make a single noun),
“men”replaces that “man”. Example: singular  plural Fisherman>Fishermen Workman>Workmen Boatman>Boatmen Man-of-war>Men-of-war Salesmansalesmen Part 2: but when “man” is just a part of the word, or it refers to any ethnic group, race or civilian, there comes “s”. SingularPlural MussalmanMussalmans BrahmanBrahmans GermanGermans NormanNormans

Rule 7: “s” to be added when there’s a “ful” in the end. Example:

singularplural HandfulHandfuls Mouthful>mouthfuls Spoonful>Spoonfuls armful>Armfuls cupful>cupfuls

Part 1: If compound noun contains several words, “s” comes to join with the main part of that noun.
Example: Singular Plural Brother-in-law>Brothers-in-law
Passers-by>Passers-by Step-brother>Step-brothers Commander-in-chiefCommanders-in-chief Maid-servant>Maid-servants

Part 2: in some cases,“s”comes in every part to make it so. Example: Singular Plural Lord-justice>Lords-justices
Man-servant>Men-servants Woman-servant>Women-servants

Rule 8: Besides, adding “s” only in the end gets it done for few. Example: Singular Plural Book-shelf >Book-shelves
Book-case>Book-cases Major-general>Major-generals Poet-laurete>Poet-lauretes Forget-me-not>Forget-me-nots

Rule 9: Some singular nouns have no plural form, only used in singular.

Example: Furniture Scenery Issue Bread expenditure

Rule 9: Adversely, some are always used as a plural form.
Example: Mumps Scissors Trousers Spectacles Assets

Rule 10: Though some nouns seem like singular, but actually they are plural.

Example: Government Peasantry People Cattle Mankind

Rule 11: Similarly, some nouns seem like plural though they are singular.

Example: Physics Politics Ethics News Wages

Rule 12: Some have the same singular and plural form.
Example: Deer Sheep Species Corps Canon

: In case of letters, numbers and other symbols, it takes an apostrophe and s to change it.

Example: Sam, write your g’s and y’s clearly.
John, add two 5’s and three 8’s.

Rule 13: There is no specific rule for changing the number of pronouns. It’s all about memorizing.

Singular plural singularplural I >We Him/her>Them  My >Our Your>Your Mine>OursThis>These Me>UsThat>Those You>You. It>They He/she>theyHis/her>their

व्याकरण में, (वचन)एक संज्ञा या सर्वनाम की गिनती संख्या को संदर्भित करती है।

उदाहरण: लड़का-लड़के, पत्नी-पत्नियाँ, मेरे-हमारे, बैल- बहुत से बैल, यह-वे, आदि।

संख्या के प्रकार:

दो प्रकार मौजूद हैं

एकवचन संख्या

बहुवचन संख्या

एकवचन संख्या:-
यह संज्ञा या सर्वनाम में से केवल एक की गिनती को संदर्भित करता है।

उदाहरण: कलम, मेज, चाची, पिता, हंस, आदि।

बहुवचन संख्या:-

यह संज्ञा या सर्वनाम में से एक से अधिक की गिनती को संदर्भित करता है।

उदाहरण: पेन, टेबल, चाची, पिता, गीज़, आदि।

वचन कैसे बदलें
असंख्य संख्याएँ हैं, जो एकवचन से बहुवचन में संख्या बदलती हैं।
वे इस प्रकार हैं-

नियम 1:-
सामान्य रूप से "s" का उपयोग एक बहुवचन संज्ञा के अंत में बहुवचन बनाने के लिए किया जाता है

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
पेंसिल पेंसिल
गाय गायें
मकान मकानात
कुत्ता कुत्ते
मोबाइल मोबाइल्स

नियम 2:
यदि अंत में s, sh, ch, x और z मौजूद हैं, तो "es" का उपयोग किया जा सकता है।

उदाहरण:

एकवचन  से बहुवचन
बस बसें
डिश व्यंजन
शाखा शाखाऐं

लोमड़ी लोमड़ियां

फेज फेजेज्

 नियम 3:
जब ch का उच्चारण "k" की तरह होता है, तब अंत में बहुवचन बनाने के लिए केवल "s" जोड़ा जाता है

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
सम्राट -बहुत से सम्राट
कुलपिता  -बहुत Patriarchs
कुलमाता -बहुत Matriarchs

पेट पेट
Hierarch Hierarchs

भाग 1: जब अंत में "y" और उसके बाद "y", "i", "i" विकल्प होता है और उसके बाद "es" होता है।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन

कहानी कहानियां

शौक -बहुत से शौक
सेना -सेनाओं
मक्खी -मक्खियां
शिशु - शिशुओं

भाग 2: लेकिन अगर उस "y" के आगे एक स्वर है, तो इसे बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है,
केवल जोड़ने के लिए "s" काफी है ।

उदाहरण
एकवचन बहुवचन

गधा गदहे
खिलौना खिलौने
दिन  दिनों
खुशी  खुशियाँ

नियम 4:
"V" f या fe को प्रतिस्थापित करता है और फिर इसे समाप्त करने के लिए "es" जोड़ता है।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
चोर -चोरों
पत्नि- पत्नियाँ
चाकू -चाकुअाै
भेड़िया- भेड़ियों
पत्ती -पत्ते

भाग 1: "es" को जोड़ा जाए, यदि संज्ञा "o" से समाप्त हो जाए और आगे एक व्यंजन स्थान।

उदाहरण:

एकवचन  बहुवचन
हीरो  बहुतनायकों
मैंगो लबहुतआम
शून्य  बहुतजीरो
आलू  बहुआलू
इको  बहुतगूँज

भाग 2: लेकिन जब "ओ" से पहले एक स्वर होता है, तो केवल "s" पर्याप्त होता है।

उदाहरण

एकवचन बहुवचन
कोयल कोयलें
बांस बांसों
स्टूडियो बहुत स्टूडियो
पोर्टफोलियो बहुतपोर्टफ़ोलियो
कैमियो  बहुत कैमियो (Cameos)

अपवाद 1: हालांकि "ओ" है और इसके आगे एक व्यंजन है, कुछ संज्ञाएं केवल "S" का उपयोग करती हैं।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
फोटो बहुततस्वीरें
पियानो बहुतपियानो
रेडियो बहुत रेडियो
कैंटो बहुतकैंटो
मेमो बहुतमेमो

अपवाद 2: कुछ के लिए, "s" और "es" दोनों सही हैं।

एकवचन बहुवचन
मच्छर Mosquitos / मच्छरों
कमांडो बहुत कमांडो / कमांडो
पोर्टिको porticos / porticoes
केलिको Calicos / calicoes
मेमेंटो निशानी है / स्मृति चिन्ह

नियम 5:
कुछ को बहुवचन बनाने के लिए शब्द के मध्य-स्वर को बदलने की आवश्यकता होती है।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन

आदमी पुरुषों
महिला महिलाओं
फुट फीट
चुहिया और चूहों
दांत दांतों

नियम 6:

कुछ को अंतिम में जोड़ने के लिए en, ren और ne की आवश्यकता होती है।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
बैल बैल
बच्चा बच्चे
भाई ब्रेथ्रेन (भाई भी सही)
गाय  कीन (काउज् भी सही है )

बहन सिस्ट्रेन (बहनें भी सही हैं)

भाग 1: यदि "मनुष्य" का अर्थ है यौगिक संज्ञा में मानव (एक संज्ञा जिसमें दो या दो से अधिक शब्द हैं जो संयुक्त रूप से एक संज्ञा बनाते हैं), "पुरुष" उस "पुरुष" की जगह लेता है।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन

मछुआरा मछुआरों

कर्मकार कर्मकारों

केवट  केवटों (boatmen)
मैन ऑफ युद्ध पुरुषों-युद्ध की
विक्रेता सेल्समैन

भाग 2: लेकिन जब "आदमी" शब्द का एक हिस्सा है, या यह किसी भी जातीय समूह, जाति या नागरिक को संदर्भित करता है, तो "s" आता है।

एकवचन बहुवचन
मुसलमान Mussalmans
ब्राह्मण ब्राह्मण
जर्मन जर्मनों
नॉर्मन नोर्मंस

नियम 7:
अंत में "पूर्ण" होने पर "s" जोड़ा जाएगा।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
मुट्ठी मुट्ठी
कौर mouthfuls
चम्मच चम्मच
गट्ठा armfuls
cupful cupfuls
भाग 1: यदि यौगिक संज्ञा में कई शब्द हैं, तो "सं" उस संज्ञा के मुख्य भाग के साथ जुड़ने के लिए आता है।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
भाई जी ब्रदर्स जी
राहगीरों राहगीरों
स्टेप-भाई चरण-भाइयों
कमांडर-इन-चीफ कमांडर-इन-चीफ
नौकरानी-नौकर नौकरानी-सेवकों

भाग 2: कुछ मामलों में, "s" इसे बनाने के लिए हर हिस्से में आता है।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
प्रभु-न्याय लॉर्ड्स-न्यायाधीश
मानव दास पुरुषों-सेवकों
नारी-सेवक महिलाओं-सेवकों

नियम 8:
इसके अलावा, केवल अंत में "s" जोड़ने से यह कुछ के लिए हो जाता है।

उदाहरण:

एकवचन बहुवचन
बुक-शेल्फ बुक-अलमारियों
बुक-केस बुक-मामलों
मेजर जनरल मेजर जनरलों
कवि-Laurete कवि-lauretes
भूल जाओ मुझे-नहीं भूल जाओ मुझे-वंचितों

नियम 9:
कुछ एकवचन संज्ञाओं का कोई बहुवचन रूप नहीं होता है, केवल एकवचन में उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:

फर्नीचर
सीनरी
मुद्दा
रोटी
व्यय
नियम 9:
इसके विपरीत, कुछ हमेशा बहुवचन रूप में उपयोग किए जाते हैं।

उदाहरण:

कण्ठमाला का रोग
कैंची
पतलून
चश्मा
संपत्ति
नियम 10:
हालाँकि कुछ संज्ञाएँ विलक्षण लगती हैं, लेकिन वास्तव में वे बहुवचन हैं।

उदाहरण:

सरकार
किसान-जनता
लोग
पशु
मानवता
नियम 11:
इसी तरह, कुछ संज्ञाएं बहुवचन की तरह लगती हैं, हालांकि वे एकवचन हैं।

उदाहरण:

भौतिक विज्ञान
राजनीति
आचार विचार
समाचार
वेतन
नियम 12:
कुछ का एक ही एकवचन और बहुवचन रूप है।

उदाहरण:

हिरन
भेड़
जाति
कोर
कैनन
नियम 12:
अक्षरों, संख्याओं और अन्य प्रतीकों के मामले में, इसे बदलने के लिए एक एपॉस्ट्रॉपी और एस लगता है।

उदाहरण:

सैम, अपने g और y को स्पष्ट रूप से लिखें।
जॉन, दो 5 और तीन 8 जोड़ो

नियम 13:
सर्वनामों की संख्या को बदलने के लिए कोई विशिष्ट नियम नहीं है। यह याद रखने के बारे में है।

एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
मैं हम उसे / उसे उन्हें
मेरे हमारा आपका आपका
मेरा हमारा यह इन
मेरे हमें उन यही कारण है कि
आप आप यह वे
वह / वह वे उसका / उसकी उनकी
 
____________________________________________

Order of Conjunction in English Grammar
Either के साथ Or आता है Nor नहीं।

Neither के साथ Nor आता है Or नहीं।

No के साथ Or आता है Nor नहीं।

Not के साथ Or आता हैं Nor नहीं।

Never के साथ Or आता है Nor नहीं।

Seldom के साथ Never आता है Ever नहीं।

Nothing Else के साथ But आता है Yet नहीं।

Whether के साथ Or आता है Nor नहीं।

Reason के साथ Why आता है That नहीं।

Rather के साथ Than आता है Then नहीं।

So के साथ As आता है Then नहीं।

As के साथ As आता है That नहीं।

Both के साथ And आता है As Well As नहीं।

Though के साथ Yet आता है But नहीं।

Hardly के साथ When / Before आता है Than नहीं।

Scarcely के साथ When / Before आता है Than नहीं।

No Sooner के साथ Than आता है When नहीं।

No Other के साथ Or आता है Nor नहीं।

Other के साथ Than आता है Then नहीं।

As Much के साथ As आता है So नहीं।

Such के साथ That आता है Than नहीं।

Doubt के साथ Whether आता है If नहीं।

Not Only के साथ But आता है Too नहीं।

No Either के साथ Or आता है Nor नहीं।

Without के साथ Ever आता है Never नहीं।

विशेष -: उपयुक्त Conjunction सतर्कता के विषय है क्योंकि इनमे से कोई एक जिस Parts of Speech के सेवा में रहेगा दूसरा भी उसी Parts of Speech के सेवा में रहेगा। जैसे -

I saw neither Ravi Nor Ramesh.

Neither I nor the teacher saw Ravi.

I wish के साथ were आएगा कोई दूसरी क्रिया नहीं।

Define के साथ As आएगा कोई दूसरा शब्द नहीं।