★-"इतिहास के बिखरे हुए पन्ने"-★
सोमवार, 23 जून 2025
इच्छा मन का रागात्मक चिन्तन अथवा विचार है
इच्छा मन का रागात्मक चिन्तन अथवा विचार है।
कर्म शरीर का अनिवार्य गुण- धर्म है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें