★-"इतिहास के बिखरे हुए पन्ने"-★
शनिवार, 29 मार्च 2025
इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम हैहुस्न ख़ुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए
नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सतः।
उभयोरपि दृष्टोऽन्तस्त्वनयोस्तत्त्वदर्शिभिः।।2.16।। गीता-
असत् वस्तु का तो अस्तित्व नहीं है और सत् का कभी अभाव नहीं है। इस प्रकार इन दोनों का ही तत्त्व, तत्त्वदर्शी ज्ञानी पुरुषों के द्वारा देखा गया है।।
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